किसी देश की सफलता का पैमाना अकसर उसकी सेना की ताकत, क्षेत्रीय विस्तार या आर्थिक स्वतंत्रता से लगाया जाता है, लेकिन यूरोप का छोटा-सा देश लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) इस सोच को पूरी तरह पलट देता है. यह देश न केवल अपने सीमित संसाधनों के बावजूद समृद्ध है, बल्कि दुनिया के सबसे स्थिर और अमीर देशों में गिना जाता है. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक अद्भुत हकीकत है. एक ऐसा देश जो न अपनी मुद्रा छापता है न उसके पास कोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है.

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IMF की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप की आल्प्स पर्वतमाला के बीच बसा लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) दुनिया के सबसे छोटे लेकिन सबसे सुंदर देशों में से एक है. केवल 160 वर्ग किलोमीटर में फैला यह देश आकार में भले ही छोटा हो, लेकिन अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आर्थिक समृद्धि और शांत जीवनशैली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. लिकटेंस्टीन की राजधानी वादुज (Vaduz) है, जो देश का प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है. लिकटेंस्टीन की आबादी करीब 40,000 है, जिससे यह यूरोप के सबसे कम जनसंख्या वाले देशों में शामिल होता है.

लिकटेंस्टीन की प्रति व्यक्ति आय

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IMF की रिपोर्ट के मुताबिक लिकटेंस्टीन की प्रति व्यक्ति आय 197,000 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है, जो अधिकांश अन्य छोटे राज्यों और यूरोपीय देशों की तुलना में काफी अधिक है. वहीं भारत से तुलना करें तो ये काफी ज्यादा है. world population review की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का प्रति व्यक्ति आय महज 2,937 डॉलर है.

कर्ज-मुक्त देश और अपराध-रहित समाज

लिकटेंस्टीन केवल आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी बेहद स्थिर है. देश पर लगभग कोई कर्ज नहीं है और यहां की सरकार राजस्व अधिशेष (Surplus Budget) चलाती है. सबसे दिलचस्प तथ्य है कि पूरे देश में मुश्किल से कुछ ही कैदी हैं. लोगों के बीच इतना विश्वास है कि यहां के नागरिक रात में अपने घरों के दरवाजे बंद नहीं करते. यह सिर्फ धन का प्रतीक नहीं, बल्कि सुरक्षा और शांति का चरम स्तर है. जहां बाकी दुनिया अपराध और असुरक्षा से जूझ रही है, लिकटेंस्टीन ने दिखाया है कि असली संपन्नता डर से मुक्त जीवन में है.

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