Pakistan Economic Crisis: इस वक्त पाकिस्तान बुरे दौर से गुजर रहा है. देश के हालात बेहद खराब है. इसी बीच विश्व बैंक ने कहा है कि पिछले फाइनेंशियल ईयर में पाकिस्तान में गरीबी बढ़कर 39.4 फीसदी हो गई है. खराब आर्थिक हालात के कारण 1.25 करोड़ से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं और वित्तीय स्थिरता हासिल करने के लिए देश को तत्काल कदम उठाने होंगे.


एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक खबर के अनुसार वाशिंगटन स्थित विश्व बैंक ने शुक्रवार (22 सितंबर) को एक मसौदा नीति का अनावरण किया. इसे पाकिस्तान की अगली सरकार के लिए सभी हितधारकों की मदद से तैयार किया है.


पाकिस्तान में गरीबी एक साल में बढ़ी
विश्व बैंक के अनुसार पाकिस्तान में गरीबी एक साल के भीतर 34.2 फीसदी से बढ़कर 39.4 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही 1.25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं. पाकिस्तान में 3.65 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन के आय स्तर को गरीबी रेखा माना जाता है. मसौदा नीति में कहा गया कि लगभग 9.5 करोड़ पाकिस्तानी अब गरीबी में रहते हैं.


पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री टोबियास हक ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अब गरीबी कम नहीं कर रहा है और समकक्ष देशों के मुकाबले यहां जीवन स्तर घट रहा है. विश्व बैंक ने कृषि और रियल एस्टेट पर टैक्स लगाने और बेकार के खर्च में कटौती करने का आग्रह किया है.


IMF से मिली थी 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद
विश्व बैंक में पाकिस्तान के लिए देश के निदेशक नेजी बेन्हासिन ने कहा, "यह पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव का समय हो सकता है". पाकिस्तान को जुलाई के महीने में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मिली थी, जिसके बाद अगस्त में मुद्रास्फीति बढ़कर 27.4 फीसदी हो गई, जो नौ महीनों के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम का एक हिस्सा है.


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