नई दिल्ली: क्या वजह है कि सुबह उठ कर करीब साढ़े छ: बजे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक ट्वीट किया जिसमे सिर्फ उन्होंने मोटे अक्षरों में लिखा CHINA! कौन जान सकता है कि ये किसी एलान की सुगबुगाहट है या विश्व व्यापी समस्या का एक नाम. लेकिन यह ज़रूर है की ट्रम्प के इस ट्वीट ने सबको चौंका ज़रूर दिया. दुनिया में कोरोना से पैदा हुए माहौल में अमेरिका और चीन के बीच के रिश्ते कुछ भी रुख अपना सकते हैं. अभी दोनों के बीच बेहद कड़वाहट है जिसका इज़हार अमेरिका ने कई मौकों पर किया है. हाल के दिनों में दोनों के बीच तनातनी बढ़ती ही दिख रही है. ऐसे में इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं.


अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव जंग की तैयारियों तक जा पहुंचा है. क्या करने जा रहा है अमेरिका ये बात सभी को सोच में डाले हुए है? हाल ही में अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट ट्रंप प्रशासन को दी है जिसके फौरन बाद ट्रंप ने अचानक ही चीन के खिलाफ ऐसा एलान कर दिया जिससे हर कोई हैरान हो गया है. ऐसे वक्त में जब अमेरिका समेत दुनिया कोरोना से जूझ रही है. ट्रंप के इस एलान ने हर किसी के होश उड़ा दिए हैं. अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता तनाव जंग की तैयारियों तक जा पहुंचा है और अमेरिका ने चीन के खिलाफ अपने सबसे बड़े हथियार का एलान कर दिया.





अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मुताबिक, 'हमारे पास अब ऐसा सैन्य हथियार होगा जो किसी ने पहले नहीं देखा होगा. हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है. हमको ये करना ही होगा. हम ने इसको Super Duper Missile का नाम दिया है, जो मिसाइलें पहले से मौजूद हैं उससे ये 17 गुना तेज है. आपने सुना होगा कि रूस के पास 5 गुना और चीन 6 गुना तेज मिसाइल पर काम कर रहा है. अगर आप यकीन करें हम 17 गुना तेज गति (मिसाइल) पर काम कर रहे हैं जो कि दुनिया में लगभग सबसे तेज है.



ट्रंप का दावा है कि ये मिसाइल रूस और चीन की मिसाइलों से भी तेज गति से मार करती है. इस तरह ये दुनिया की सबसे तेज मिसाइल है. डॉनल्ड ट्रंप ने जिस मिसाइल का जिक्र किया उसे HyperSonic मिसाइल कहते हैं जिसके बारे में रूस और चीन भी दावा करते हैं लेकिन ट्रंप ने इस मिसाइल को सबसे शक्तिशाली बता कर हथियारों की नई दौड़ शुरू कर दी है. यहां सवाल ये भी उठता है कि हाइपरसोनिक मिसाइल होती क्या हैं और कोरोना से लड़ते अमेरिका को हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की जरूरत क्यों पड़ी, ट्रंप ने ये क्यों कहा कि वो जिस मिसाइल पर काम कर रहे हैं वो रूस और चीन से भी ज्यादा तेज है. क्या अमेरिका ने चीन को तबाह करने का अस्त्र बना लिया है