Narges Mohammadi: नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार (6 अक्टूबर 2023) को की गई. इस बार यह पुरस्कार ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी  को दिया गया है.


नोबेल की कमेटी ने माना है कि नरगिस मोहम्मदी ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाई है. उन्होंने ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लंबे समय तक लड़ाई लड़ी है.


कौन हैं ईरान की नरगिस मोहम्‍मदी? 


नरगिस का जन्म कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल 1972 में हुआ था. नोबेल प्राइज की वेबसाइट के मुताबिक, नरगिस मोहम्मदी ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (DHRC) की उपाध्यक्ष हैं.


ईरान में महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाने वाली नरगिस मोहम्मदी को बहादुरी भरे संघर्ष के लिए भारी व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़ी है. उन्हें अब तक ईरान में 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है, फिलहाल वह जेल में बंद हैं. उन्हें पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है. पढ़ाई पूरी करने के बाद नरगिस मोहम्‍मदी ने इंजीनियर के तौर पर काम किया. इसके साथ साथ वह कॉलमनिस्ट भी रहीं.  उन्होंने कई अखबारों के लिए लिखने का काम किया.1990 के दशक से ही नरगिस महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही थीं.


किताब के लिए मिल चुका है पुरस्कार 


उन्होंने ईरान में सामाजिक सुधारों के लिए बहस करते हुए कई लेख लिखे हैं. नरगिस ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम व्हाइट टॉर्चर है. उनकी किताब 'व्हाइट टॉर्चर: इंटरव्यूज़ विद ईरानी वूमेन प्रिज़नर्स' ने अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और मानवाधिकार फोरम में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के लिए एक पुरस्कार भी जीता. मोहम्मदी नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में शिरीन एबादी के बाद यह पुरस्कार जीतने वाली दूसरी ईरानी महिला हैं. बता दें कि 122 साल के इतिहास में यह पांचवीं बार है , जब शांति पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जो जेल में है या फिर घर में नजरबंद है. 


8 साल से अपने बच्चों से नहीं मिली नर्गेस


ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एक इंटरव्यू में नरगिस बता चुकी हैं कि वे लंबे समय से अपने परिवार के कई सदस्यों से नहीं मिली है.


हैरान करने वाली बात ये है कि उन्होंने 8 साल से अपने बच्चों को देखा तक नहीं है. उन्होंने आखिरी बार अपनी जुड़वां बेटियों अली और कियाना की आवाज एक साल पहले सुनी थी.  नरगिस दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं. 


नर्गेस के पति भी हैं एक्टिविस्ट 


नरगिस मोहम्मदी के पति तागी भी एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं. जिन्हें ईरान की सरकार ने 14 साल जेल की सजा दी थी. बताते चलें कि नरगिस मोहम्मदी ईरान में मृत्यु दंड को खत्म करने और कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वकील और पैरोकार भी रही हैं.


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