Vladimir Putin-Kim Jong Un Meeting: उत्तर कोरिया की स्थापना को शनिवार को 75 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को बधाई दी है. पुतिन ने उत्तर कोरिया के साथ सभी मोर्चों पर मजबूत संबंध करने की बात कही है. पिछले कुछ महीनों में उत्तर कोरिया और रूस एक-दूसरे के काफी करीब आए हैं. दोनों देशों के बीच हथियारों के सौदे को लेकर भी बातचीत हुई है. 


उत्तर कोरिया के बहुत ही कम देशों के साथ दोस्ताना संबंध हैं. रूस और चीन उन मुल्कों में शामिल हैं, जिनके साथ उत्तर कोरिया न सिर्फ व्यापार करता है, बल्कि दोस्ती भी बनाए रखता है. रूस के साथ सीमा साझा करने वाला उत्तर कोरिया अक्सर ही रूस का गुणगान करता रहता है. यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में उत्तर कोरिया पहले ही रूस का साथ दे चुका है. उसने यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करने के लिए हथियारों की सप्लाई करने की इच्छा भी जताई है. 


रूसी राष्ट्रपति ने क्या कहा?


पुतिन ने किम को भेजे एक मैसेज में कहा, 'मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमारे संयुक्त प्रयासों की बदौलत हम सभी मोर्चों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे.' उन्होंने कहा, 'ये हमारे लोगों के हितों के अनुरूप है. हमारा साथ आना कोरियाई प्रायद्वीप और उत्तर-पूर्व एशिया की सुरक्षा और स्थिरता में मदद करेगा.' पुतिन ने अपने मैसेज में इस बात का भी जिक्र किया कि सोवियत यूनियन दुनिया का वह पहला देश था, जिसने उत्तर कोरिया की सरकार को मान्यता दी. 


समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा दोस्ती, अच्छे पड़ोसी और आपसी सम्मान के सिद्धांतों पर आधारित रहे हैं. पुतिन ने कहा कि मैं आपकी (किम जोंग उन) अच्छी सेहत की कामना करता हूं. मैं उत्तर कोरिया के सभी नागरिकों के लिए शांति और उन्नति की प्रार्थना करता हूं. पुतिन उत्तर कोरिया को एक जरूरी साझेदार के तौर पर देखते हैं, जो जरूरत पड़ने पर उनकी और उनके देश की मदद कर सकता है. 


रूस जा सकते हैं किम जोंग उन


वहीं, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन इस महीने रूस की यात्रा कर सकते हैं. इसकी वजह से अमेरिका और इसके सहयोगियों के बीच चिंता का माहौल है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किम और पुतिन की मुलाकात हथियारों के संबंध में हो सकती है. रूस यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए उत्तर कोरिया से हथियार खरीदना चाहता है. इसलिए ही दोनों देश के नेता मिल सकते हैं. रूस को मालूम है कि उत्तर कोरिया के पास मौजूद हथियारों को खरीद कर उनका इस्तेमाल किया जा सकता है.


दूसरी ओर, उत्तर कोरिया प्रतिबंधों की वजह से परेशान है. उसे खाना और पैसा दोनों ही चाहिए, जो अभी उसे मुश्किल से ही मिल रहा है. तीन साल से सीमाएं बंद की गई हैं, जिसकी वजह से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ गई है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि देश में बड़े पैमाने पर भुखमरी और अकाल की स्थिति है. ऐसे में उत्तर कोरिया रूस को हथियारों को बेचकर पैसे का जुगाड़ भी करना चाहता है. माना जा रहा है कि इन्हीं वजहों के चलते किम रूस जाने का प्लान बना रहे हैं. 


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