Vladimir Putin Oath ceremony: व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. मंगलवार को पुतिन ने मास्को के ग्रैंड केमलिन पैलेस में 33 शब्दों में 5वीं बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली. ग्रैंड क्रेमलिन वही जगह है, जहां पर रूस राज परिवार के तीन राजाओं (एलेक्जेंडर-2, एलेक्जेंडर-3 और निकोलस-2 ) की ताजपोशी हो चुकी है. 


शपथ लेने के बाद पुतिन ने कहा कि 'हम और मजबूत होंगे. हम उन देशों से रिश्ते सुधारने का प्रयास करेंगे, जो हमें दुश्मन मानते हैं. मैं जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा.' दरअसल, रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में 88 फीसदी वोट मिले थे. पुतिन के विरोधी निकोले खारितोनोव को महज 4 फीसदी ही वोट मिले थे.


पुतिन पहली बार साल 2000 में बने थे राष्ट्रपति
रूस में हुए व्लादिमीर पुतिन के शपथ समारोह का ब्रिटेन, अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है. पुतिन पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. इसके बाद पुतिन साल 2004, 2008 और 2008 में भी रूस के राष्ट्रपति बने. मंगलवार को शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी होने के बाद पुतिन ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस पहुंचे, जहां पर लोगों ने तालियों से उनका स्वागत किया. शपथ के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई. 


शपथ समारोह में ये लोग हुए शामिल
रूस के इस शपथ ग्रहण समारोह में फेडरेल काउंसिल के सदस्य, स्टेट डूमा के सदस्य, हाईकोर्ट के जज, अलग-अलग देशों के राजदूत और डिप्लोमैटिक कॉर्प्स शामिल हुए. बताया जाता है कि साल 2018 में पुतिन के चौथे शपथ ग्रहण समारोह में जर्मनी के पूर्व चांसलर जेरहार्ड श्रोडर समेत करीब 6 हजार लोग शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया था. सपथ लेने के बाद रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पेट्रिआर्क राष्ट्रपति के साथ कैथेड्रल चर्च में प्रार्थना की. रूस में यह प्रथा साल 1498 से जारी है. रूस के राष्ट्रपति देश के संविधान पर हाथ रखकर सपथ लेते हैं.