विजय माल्या का परिवार लंदन में अपने आलीशान घर पर कब्जा बरकरार रख सकेगा. ब्रिटेन की एक अदालत ने व्यवस्था दी है कि एक पारिवारिक ट्रस्ट कंपनी द्वारा ऋण का पुन: वित्तपोषण स्वीकार्य लेनदेन है. माल्या परिवार के ट्रस्ट से जुड़ी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की कंपनी रोज कैपिटल वेंचर्स (आरसीवी) ने लंदन हाई कोर्ट में इस बाबत अर्जी दाखिल की थी जिस पर गत शुक्रवार को सुनवाई हुई. 


इस ट्रस्ट की मध्य लंदन में कॉर्नवैल टेरेस प्रोपर्टी है. जज सिमोन रेनी क्यूसी ने व्यवस्था दी कि पुन: वित्तपोषण (रीफाइनेंसिंग) एक स्वीकार्य लेनदेन है जिसका आशय लंदन की एक प्रमुख संपत्ति में निवेश करने से है. न्यायाधीश ने कह कि प्रस्तावित लेनदेन उचित है.


बता दें कि बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर फरार होने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से बैंक ने अब तक 18 हजार करोड़ रुपये वसूल लिए हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दी. मेहता ने कहा कि कोर्ट की ओर से पीएमएलए के अंतर्गत जारी किए ऑर्डर के तहत ईडी (ED) ने विजय माल्या, नीरव मोदी और चोकसी के मामलों में अब तक 18 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है. 


वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भगौड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के मामले की सुनवाई को फिलहाल टाल दिया है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका दिया देते हुए कहा था कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला करेगा.


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