US on Russia-Ukraine: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध शुरू हुए 500 दिन हो चुके हैं. इस दौरान कई देशों ने आगे पहल करके युद्ध को रोकने की कोशिश भी की. हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया. इसी बीच अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार (10 जुलाई) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देते हुए न्यायसंगत और स्थायी शांति दिलाने में भारत या कोई अन्य देश जो भूमिका निभा सकता है. उसका अमेरिका स्वागत करेगा.


मैथ्यू मिलर से जब पूछा गया कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच लंबे संघर्ष को समाप्त करने में भूमिका निभा सकते हैं तो मिलर ने कहा, "हम उस भूमिका का स्वागत करते हैं जो भारत या कोई अन्य देश न्यायपूर्ण और स्थायी संघर्ष को समाप्त करने में मदद कर सकता है".
 
यूक्रेन को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन का स्वागत
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका संघर्ष की शुरुआत से ही यूक्रेन को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन का स्वागत करता है. मिलर ने कहा "यह युद्ध रूस के लिए राजनीतिक विफलता रही है, जिसमें सैन्य कर्मियों और सैन्य उपकरणों दोनों का भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने दुनिया में अपनी स्थिति को प्रभावित होते देखा है". इसके अलावा मैथ्यू मिलर ने रूस को लेकर आगे कहा कि अमेरिका की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों से उनकी अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है.


PM नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन संघर्ष पर चिंता व्यक्त की
इससे पहले जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन में संघर्ष पर चिंता व्यक्त की थी और इसके भयानक और दुखद मानवीय परिणामों पर शोक व्यक्त किया था. दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान में अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए सम्मान का आह्वान किया.


दोनों नेताओं ने भोजन, ईंधन और एनर्जी सिक्योरिटी सहित ग्लोबल इकोनॉमिक सिस्टम पर युद्ध के गंभीर और बढ़ते प्रभावों को रेखांकित किया. उन्होंने युद्ध के परिणामों को कम करने के लिए बड़े प्रयासों का आह्वान किया.


PM मोदी ने पुतिन और ज़ेलेंस्की से की बात
इससे पहले मई में पीएम मोदी ने हिरोशिमा में जी 7 शिखर सम्मेलन के इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की थी और उन्हें मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष को सुलझाने में भारत के समर्थन का आश्वासन दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मैं संघर्ष के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करेंगे.


पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी. पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है और दोनों नेताओं से राजनयिक समाधान पर पहुंचने का आग्रह किया है.


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