US Senator Adam Schiff Remark On Kash Patel: अमेरिकी सीनेटर एडम शिफ, जो कैलिफ़ोर्निया के डेमोक्रेटिक नेता है. वो एफबीआई निदेशक के रूप में चुने गए काश पटेल की चयन पर काफी खफा है. उन्होंने इसका विरोध करते हुए काश पटेल को राजनीतिक चालाक और चाटुकार कहकर संबोधित किया. उन्होंने दावा किया कि पटेल इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए अयोग्य हैं. उनके अनुसार, काश पटेल की एकमात्र योग्यता यह है कि उन्होंने ट्रंप प्रशासन के दौरान नैतिक और कानूनी सीमाओं को पार करने में रुचि दिखाई थी.

शिफ ने सार्वजनिक तौर पर कहा, "यह वह व्यक्ति है जिस पर हम भरोसा नहीं कर सकते. वह इस काम को करने के लिए जरूरी ईमानदारी और चरित्र से वंचित हैं." इस बात ने कई राजनीतिक विश्लेषकों को यह मानने पर मजबूर कर दिया कि काश पटेल की किताब गवर्नमेंट गैंगस्टर्स में जिन दुश्मनों का जिक्र किया गया है, उसमें शिफ का नाम भी जोड़ा जा सकता है.

एलन मस्क और काश पटेली की प्रतिक्रिया 

जहां शिफ़ ने कड़े शब्दों में काश पटेल की आलोचना की, वहीं पटेल भी पीछे नहीं हटे. उन्होंने शिफ को कांग्रेस के इतिहास में सबसे खराब अपराधी कहा. इसके अलावा अरबपति एलन मस्क ने भी पटेल के विचारों को समर्थन देते हुए कहा, "एडम शिफ़ एक अपराधी है." इस विवाद ने अमेरिकी राजनीति को और गरमा दिया है. इस वजह से डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स आमने-सामने हो गए हैं.

एडम शिफ का प्रारंभिक जीवन और करियर 

एडम शिफ का जन्म फ्रामिंघम,मैसाचुसेट्स में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा कैलिफोर्निया के डेनविले में मोंटे विस्टा हाई स्कूल में प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक किया और हार्वर्ड लॉ स्कूल से कानून की डिग्री प्राप्त की. लॉ स्कूल से स्नातक होने के बाद, शिफ लॉस एंजिल्स चले गए और वहां संघीय अभियोजक के रूप में काम करना शुरू किया. उनके करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने रिचर्ड मिलर पर मुकदमा चलाया, जो रूस के लिए जासूसी करने वाले पहले एफबीआई एजेंट थे. उन्होंने पर्यावरणीय अपराधों से जुड़े मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

1996 में एडम शिफ को कैलिफोर्निया राज्य सीनेट के सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में चुना गया. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने शिफ-कार्डेनस किशोर न्याय अपराध निवारण अधिनियम 2000 पेश किया, जो जोखिमग्रस्त युवाओं के लिए सुधारात्मक कार्यक्रमों को वित्त पोषित करता है.

एडम शिफ की कांग्रेस यात्रा 

2000 में, शिफ अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य बने और जल्द ही न्यायपालिका, विदेशी मामलों, और खुफिया जैसे प्रमुख समितियों में कार्य किया. उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ पहली महाभियोग जांच का नेतृत्व किया और रूस के चुनाव हस्तक्षेप के मुखर आलोचक बने. उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने गहरी जांचों के लिए जोर दिया, हालांकि रिपब्लिकन्स की कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा. शिफ ने 2024 में कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करते हुए अमेरिकी सीनेट के लिए भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 

एडम शिफ और काश पटेल के बीच विवाद 

एडम शिफ और काश पटेल के बीच विवाद अमेरिका की राजनीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है. जहां शिफ़ ने एफबीआई निदेशक के रूप में पटेल की नियुक्ति पर कड़े शब्दों में विरोध जताया, वहीं पटेल और उनके समर्थकों ने शिफ़ की आलोचनाओं का जवाब उतनी ही कड़ी प्रतिक्रिया के साथ दिया. यह विवाद सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे दोनों नेताओं के व्यक्तित्व और सार्वजनिक छवि पर भी प्रभाव पड़ा है.

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