Antony Blinken Raises Taiwan Issue: ताइवान को लेकर चीन (China) किसी भी देश का दखल बर्दाश्त नहीं करता है और अमेरिका (America) से उसकी तनातनी चल रही है. इस बीच ताइवान के मुद्दे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने यूएन (UN) में अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से बात की. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात शुक्रवार को न्यूयॉर्क (New York) में हुई. ब्लिंकन ने यी से कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) के आसपास शांति और स्थिरता बनाए रखी जाए. 


अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में कहा, ''संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद ब्लिंकन ने जोर देकर कहा है कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखना क्षेत्रीय, वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है.'' वांग यी के साथ एक घंटे तक चली बैठक में ब्लिंकन ने जोर दिया कि अमेरिका ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उसकी लंबे समय से चली आ रही एक-चीन नीति के अनुरूप है. दोनों नेताओं ने संचार की खुली लाइनें बनाए रखने और अमेरिका-चीन संबंधों की जिम्मेदारी की आवश्यकता पर चर्चा की.


रूस-यूक्रेन युद्ध पर चीन के रिएक्शन के बारे में भी पूछा


नेड प्राइस ने बयान के हवाले से कहा, ''उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध पर अमेरिका की निंदा को दोहराया और इस बात पर प्रकाश डाला कि क्या चीन एक संप्रभु देश पर मॉस्को के आक्रमण का समर्थन करता है? उन्होंने रेखांकित किया कि जहां चीन के साथ हमारे हित टकराते हैं वहां अमेरिका सहयोग के लिए खुला है.''


दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय से भी प्रतिक्रिया आई है. समचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने ब्लिंकन-यी की मुलाकात को लेकर एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ताइवान को लेकर बहुत गलत और खतरनाक सिग्नल भेज रहा था और ताइवान की स्वतंत्रता गतिविधि जितनी आक्रामक होगी, शांतिपूर्ण समाधान होने की संभावना उतनी कम है. 


और क्या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने?


रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय ने वांग का हवाला देते हुए कहा, ''ताइवान का मुद्दा चीन का आंतरिक मामला है और इसे हल करने के लिए किस तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा, इसमें अमेरिका को दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.'' बता दें कि चीन की चेतावनियों और धमकियों को दरकिनार करते हुए अमेरिका ताइवान के मुद्दों की बात करता रहा है. 19 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का सीबीएस को दिया इंटरव्यू प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी सेना चीनी आक्रमण से ताइवान को बचाएगी. 


दोनों देशों के बीच संबंध उस वक्त तल्ख हो गए थे जब पिछले दिनों में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा की थी. चीन ने पेलोसी की यात्रा से पहले ही अमेरिका को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. पेलोसी के ताइवान आते ही चीन ने जलडमरूमध्य के आसपास युद्धाभ्यास करने की घोषणा की थी और करीब चार दिनों तक अपनी मिसाइलों और अन्य उपकरणों को सैन्य अभ्यास में आजमाया था. इस दौरान उसकी कुछ मिसाइलें ताइवान और जापान के बाहरी इलाकों में गिरी थीं.


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