Vivek Ramaswamy: अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, जिसमें रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. उन्हें कुछ लोग डोनाल्ड ट्रंप के विकल्प के रूप में देख रहे हैं. अपनी हाज़िर जवाबी और मुस्कान के सहारे विवेक रामास्वामी अपने अन्य प्रतिद्वंदियों को काफी पीछे छोड़ चुके हैं. 


दरअसल, रिपब्लिकन पार्टी अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन में लगी हुई है. इसी कड़ी में गुरुवार (24 अगस्त) को पार्टी के आठों उम्मीदवारों की लाइव टीवी डिबेट हुई. जिसमें विवेक रामास्वामी चर्चा का केंद्र बन गए. डिबेट के दौरान क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मैं इस मंच पर एकमात्र व्यक्ति हूं, जिसे ख़रीदा नहीं जा सकता.


अपनी इस बात पर उन्होंने जमकर वाहवाही लूटी. डीबेट के दौरान विवेक बार बार यह जताने का प्रयास कर रहे थे कि वे स्टेज पर खड़े उम्मीदवारों से बिल्कुल अलग हैं.


एक और बहस होनी बाकी 


रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर ये प्राइमरी राउंड की पहली बहस थी और इनके बीच एक राउंड की बहस और होनी है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि विवेक रामास्वामी ने अबसे पहले सरकार में किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ा है. साथ ही, उन्होंने 2004 से 2020 के बीच कभी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान तक नहीं किया है.


9 अगस्त 1985 को संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो में जन्मे विवेक रामास्वामी मूल रूप से भारतवंशी हैं. साथ ही विवेक रामास्वामी अमेरिका के सबसे अमीर तीस लोगों में से एक है. उन्होंने यह मुकाम खुद की बदौलत हासिल किया है. फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक सप्ताह पहले विवेक रामास्वामी की कुल संपत्ति $1 बिलियन से अधिक थी, जिससे वह देश के 20 सबसे कम उम्र के अरबपतियों में से एक बन गए.


साथ ही, वह रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश करने वाले उम्मीदवारों में दूसरे सबसे धनी व्यक्ति हैं. विवेक रामास्वामी के आगे केवल डोनाल्ड ट्रंप हैं, जिनकी कुल संपत्ति फोर्ब्स ने पिछली बार 2.5 बिलियन डॉलर आंकी थी. फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, विवेक रामास्वामी फिलहाल  950 मिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं. 


2014 में की थी बायोटेक कंपनी की स्थापना


विवेक रामास्वामी ने 2014 में अपनी खुद की बायोटेक कंपनी, रोइवंत साइंसेज (ROIV.O) की स्थापना की, जिसने उन दवाओं के लिए बड़ी कंपनियों से पेटेंट खरीदे, जो अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं की गई थीं. यह कंपनी  2021 में सार्वजनिक हुई. इस साल इसका स्टॉक लगभग 40% बढ़ा है, जिससे रामास्वामी की 10% हिस्सेदारी का मूल्य लगभग $600 मिलियन तक बढ़ गया है. 


ये फार्मूला हुआ हिट 


रामास्वामी, जिनका पालन-पोषण उनके माता-पिता ने हिंदू धर्म में किया था, लेकिन वे कैथोलिक हाई स्कूल में पढ़े. 29 साल की उम्र में बायोटेक कंपनी शुरू करने से पहले वे क्यूवीटी में हेज फंड विश्लेषक थे. उन्होंने रोइवंत साइंसेज (ROIV.O) की कल्पना एक ऐसी कंपनी के रूप में की, जो ऐसी दवाएं विकसित करेंगी जिन्हें बड़े दवा निर्माताओं द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है. ऐसे में रामास्वामी का यह फॉर्मूला हिट हो गया. 


फोर्ब्स के अनुसार, रामास्वामी ने क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ यूट्यूब और डिजिटल भुगतान फर्म मूनपे में भी निवेश किया है. इसके साथ ही उन्होंने पिछले साल स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट की भी स्थापना की है, जिसका मूल्य हाल ही में $300 मिलियन आंका गया है. 


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