अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (IS) के लड़ाकों और उनके हथियार ठिकानों को निशाना बनाकर बड़े सैन्य हमले को अंजाम दिया है. अमेरिकी प्रशासन ने शुक्रवार (19 दिसंबर, 2025) को इस संबंध में जानकारी साझा की. यह कार्रवाई उस घातक हमले के कुछ दिनों के बाद की गई है, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक इंटरप्रेटर मारे गए थे.

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एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, इस सैन्य कार्रवाई को लेकर अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि सेना ने बड़े पैमाने पर अभियान के तहत मध्य सीरिया में IS से जुड़े करीब 70 बुनियादी ढांचे और हथियार ठिकानों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे हमले किए जाने की संभावना है.

ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के बारे में बोले पीट हेगसेथ

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अमेरिकी सेना के इस ऑपरेशन को हॉकआई स्ट्राइक नाम दिया गया है. अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं है. यह बदले की घोषणा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका अपने लोगों की रक्षा के लिए कभी नहीं हिचकिचाएगा और न कभी पीछे हटेगा.”

उन्होंने कहा, “आज हमने अपने दुश्मनों का शिकार किया और उनमें से बहुतों को मार गिराया और हम यह आगे जारी रखेंगे.”

क्या है अमेरिकी सेना का ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक?

ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक पिछले शनिवार (13 दिसंबर, 2025) को मध्य सीरिया के पालमायरा शहर में हुए हमले के जवाब में शुरू किया गया अमेरिकी सेना का अभियान है. इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक इंटरप्रेटर की मौत हो गई थी. हमलावरों ने अमेरिकी और सीरियाई सुरक्षा बलों के एक काफिले पर हमला किया था, जिसके बाद उन हमलावरों को जवाबी कार्रवाई कर मार गिराया. वहीं, इस हमले में तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल भी हुए थे.

अमेरिकी देशभक्तों की क्रूर हत्या के बदले में किया ऑपरेशन- ट्रंप

आईएस के लड़ाकों ने जिन अमेरिकी कर्मियों को निशाना बनाया था, वे इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान ऑपरेशन इन्हेरेंट रिजॉल्व का समर्थन कर रहे थे. वहीं ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह जवाबी कार्रवाई सीरिया में ISIS की ओर से बहादुर अमेरिकी देशभक्तों की क्रूर हत्या के बदले के तौर पर की गई है.

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