US Cancels 2,000 Indian Visas: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाया. भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावास ने वीजा के 2,000 अपॉइंटमेंट्स को कैंसिल कर दिया. अमेरिकी दूतावास ने इसके पीछे धोखाधड़ी की गतिविधियों को कारण बताया है.
अमेरिकी दूतावास ने बुधवार (26 मार्च) को कहा, “दूतावास ने अपॉइंमेंट सिस्टम में गलत लोगों या बॉट्स को ढूंढकर उनके अकाउंट के सस्पेंड कर दिया है.”
भारत में अमेरिकी दूतावास ने पोस्ट शेयर कर दिया बयान
अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. इस पोस्ट में अमेरिकी दूतावास ने कहा, “भारत में दूतावास की टीम ने बॉट्स् की ओर से किए गए करीब 2000 अपॉइंटमेंट्स को कैंसिल कर दिया है. हम हमारे शेड्यूलिंग पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एजेंट्स और फिक्सर्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रखते हैं.”
इसके अलावा दूतावास ने अपने पोस्ट में लिखा, “हम सभी अपॉइंटमेंट्स को तत्काल प्रभाव से रद्द कर रहें हैं और इनसे संबंधित सभी खातों के शेड्यूलिंग के सभी विशेष अधिकारों को भी सस्पेंड करते हैं. हम आगे भी धोखाधड़ी के विरुद्ध अपने प्रयासों को जारी रखेंगे. हम धोखेबाजों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं.”
US ने भारत ने बैंकॉक और फ्रैंकफर्ट में वीजा अपॉइंटमेंट लेने का किया फैसला
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के B1 और B2 वीजा जारी करने में पिछले कई सालों में व्यापक रूप से बैकलॉग देखा गया है, जो कि व्यापार और टूरिस्ट यात्रा के लिए दिया जाता है. वहीं, साल 2022-23 में यह समयसीमा 800 से 1,000 दिन की थी, जिसे देखते हुए अमेरिका ने भारतीय आवेदकों के लिए फ्रैंकफर्ट और बैंकॉक में वीजा अपॉइंटमेंट्स शुरू करने का निर्णय किया था.
भारतीय विदेश मंत्री ने वीजा जारी करने में देरी को लेकर जताई थी चिंता
साल 2022 में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से वीजा जारी में देरी को लेकर चिंता जताई थी. जिन्होंने वीजा जारी करने में देरी के लिए कोविड-19 महामारी को जिम्मेदारी ठहराया था. हालांकि, अमेरिका में दोबारा ट्रंप प्रशासन के आने पर एस. जयशंकर ने इस मुद्दे को फिर से उठाया.
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक में इमिग्रेशन के मुद्दे पर चर्चा के बाद कहा था, “अगर एक वीजा जारी करने में 400 से ज्यादा दिन लग रहे हैं तो मुझे नहीं लगता है कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे होंगे.”