UNICEF On Afghanistan: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है. ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 29.2 मिलियन हो गई है. इसके पीछे की वजह अफगानिस्तान में आए  सूखे, बाढ़, असुरक्षा और राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता को बताया जा रहा है.


UNICEF के नए रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में आर्थिक संकट 2023 तक बना रहेगा. इसकी वजह से 64 फीसदी परिवार को अपनी  बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. अफगानिस्तान में 19 मिलियन लोगों की मानवीय जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए 1.45 बिलियन डॉलर की जरूरत पड़ने वाली है.


अफगानिस्तान में बढ़ते चाइल्ड लेबर
UNICEF ने सुरक्षा सेवाओं की बढ़ती जरूरतों पर ध्यान देने की कोशिश की है. उन्होंने विशेष रूप रेखांकित करते हुए कहा कि जिन लोगों को सुरक्षा की जरूरत है, उनकी संख्या 20.3 मिलियन से बढ़कर 22.1 मिलियन हो गई है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि लगभग 8.7 मिलियन बच्चों को शिक्षा सहायता की आवश्यकता है.


चाइल्ड लेबर जैसे नकारात्मक चीजें देश में बहुत बढ़ चुकी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 31 फीसदी घरों में कम से कम एक बच्चा स्कूल नहीं जाता है. अफगानिस्तान में खाद्य सुरक्षा में मामूली सुधार देखने को मिला है.


हालांकि, इसके बावजूद मई से अक्टूबर 2023 तक 15 मिलियन से अधिक लोगों को खाने की कमी का सामना करना पड़ सकता है. अफगानिस्तान में 34 में से 17 प्रांतों में गंभीर बर्बादी की रिपोर्ट दर्ज की गई है और 13.3 मिलियन लोगों के पास स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पा रही है.


तालिबान की बढ़ती नौकरशाही
यूनिसेफ ने सहायता एजेंसियों के साथ काम करने वाली महिलाओं और लड़कियों पर तालिबान के प्रतिबंध से पैदा हुई चुनौतियों पर भी ध्यान दिया. इससे देश भर में कमजोर महिलाओं और बच्चों को सहायता के प्रावधान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है. संगठन ने आगे चेतावनी दी कि तालिबान की बढ़ती नौकरशाही अफगानिस्तान में जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाने  में बाधा बनेंगी.


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