रूस और यूक्रेन के बीच 38वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच चीन अमेरिका की खिंचाई की है. चीन ने अमेरिका पर यूक्रेन युद्ध को भड़काने का आरोप लगाया है. चीन का कहना है कि अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम को नहीं देखना चाहता है. वो सीजफायर देखने के लिए सबसे अधिक अनिच्छुक है. एएनआई के हवाले से ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका पूरे यूरोप में सुरक्षा की स्थिति को बिगाड़ने वाला देश है. अमेरिका नहीं चाहता है कि रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर हो. सीजफायर की स्थिति देखने के लिए बाइडेन प्रशासन की कोई इच्छा नहीं है. चीनी मीडिया ने बताया कि 24 मार्च को, नाटो ने फिर से पुष्टि की है कि यूक्रेन और सहयोगियों को और अधिक राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन प्रदान करना जारी रखेगा, वही रक्षा को लेकर खर्च बढ़ाने की भी बात कही गई है.


अमेरिका नहीं चाहता है कि यूक्रेन में सीजफायर हो- चीन


ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि नाटो की भूमिका को बढ़ाकर अमेरिका यूरोप को अपनी ताकत से और अधिक मजबूती से जोड़ना चाहता है. अमेरिका ने संकट और यहां तक ​​कि जंग को बढ़ाकर यूरोप को पक्ष लेने के लिए मजबूर किया है. अंतिम लक्ष्य यूरोप को लगातार अपने नियंत्रण में रखना है. ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि रूस-यूक्रेन शांति वार्ता को ठंडे बस्ते में डालते हुए अमेरिका इस जंग को लंबा खींचने के लिए प्रयास तेज कर रहा है. यह अमेरिकी रणनीतिक जरूरतों के अनुरूप है. अगर सुरक्षा गारंटी के लिए यूक्रेन की अपील पूरी हो जाती है, तो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा गारंटी का एक नया मॉडल खुल जाएगा, जिसका अर्थ होगा अमेरिका और नाटो की भूमिका को कमजोर करना. 


कई प्रतिबंधों के बावजूद यूक्रेन में हमला जारी


ग्लोबल टाइम्स ने आगे कहा है कि अमेरिका स्पष्ट तौर से इस परिणाम को नहीं देखना चाहता. बता दें कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद कई पश्चिमी देशों और यूरोपीय देशों ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. रूस की अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली को टारगेट किया गया है. गौरतलब है कि 24 फरवरी से लगातार रूस के सैनिक यूक्रेन में हमला कर रहे हैं. यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. वही दोनों देशों के हजारों सैनिक भी इस जंग में मारे गए हैं.


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