Ukraine Russia War:  यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस दुनिया भर के प्रतिबंध झेल रहा है. जहां कई देशों ने उस पर आर्थिक और राजनयिक प्रतिबंध लगाए हैं. वहीं दुनिया की बड़ी कंपनियों ने भी रूस के खिलाफ कदम उठाए हैं. अब एनर्जी सेक्टर की दिग्गज कंपनी शेल ने कहा है कि वह रूसी तेल और प्राकृतिक गैस खरीदना बंद कर देगी और रूस में सर्विस स्टेशन भी बंद कर देगी.


शेल रूसी तेल और गैस की सभी खरीद को चरणबद्ध तरीके से बंद करेगी. रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय विरोध झेल रही शेल ने कहा है कि वह शॉर्ट टर्म मार्केट में कच्चे तेल के सौदों पर तत्काल रोक लगाएगी.  कंपनी ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "हम इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि पिछले हफ्ते रूसी कच्चे तेल का कार्गो खरीदने का हमारा फैसला गलत था."  यूक्रेन के आक्रमण के बाद से बड़ी संख्या में कंपनियों ने रूस में प्रतिबंधों की घोषणा की है जिसमें एनर्जी सेक्टर की बीपी पीएलसी और एक्सॉन मोबिल कॉर्प जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. बता दें कुछ दिन पहले ही यूक्रेन के विदेश मंत्री ने रूस से तेल की खरीद जारी रखने के लिए शेल की आलोचना की थी.


सबसे ज्यादा प्रतिबंध झेल रहा है रूस 
बता दें वैश्विक प्रतिबंध-ट्रैकिंग डेटाबेस ने मंगलवार को एक सूची जारी की, जो बताती है कि यूक्रेन के आक्रमण के बाद रूस सबसे अधिक प्रतिबंध झेलने वाला देश बन गया है. डेटाबेस, कैस्टेलम डॉट एआई ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने से कुछ दिन पहले, 22 फरवरी से रूस ने संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों द्वारा प्रतिबंधों में वृद्धि देखी है.


कैस्टेलम डॉट एआई  के अनुसार 22 फरवरी से पहले रूस के खिलाफ 2,754 प्रतिबंध लागू थे. लेकिन इसके बाद से जैसे-जैसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की युद्ध संबंधी बयानबाजी तेज होती गई और खतरे वास्तविक दिखते गए 2,778 नए प्रतिबंध रूस पर लगे.


ये भी पढ़ें:


Ukraine-Russia War: सूमी की यूनिवर्सिटी में फंसे हैं 750 से ज्यादा भारतीय छात्र, जानें भारत सरकार की क्या है कोशिश


Ukraine Russia War: यूक्रेन के सूमी में रूस की बमबारी, 2 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत