वॉशिंगटन: ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि देने वाला वीडियो डिसेबल कर दिया है. दरअसल, ट्रंप की कैंपेन टीम ने पुलिस कस्टडी में मारे गए अश्वेत अफ्रीकन-अमेरिकन नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को श्रद्धांजलि देते हुए 3 जून को 3:40 मिनट का एक वीडियो ट्वीट किया था. ट्विटर ने वीडियो को कॉपीराइट पॉलिसी का उल्लंघन बताते हुए उसे डिसेबल कर दिया है. ट्विटर के बाद फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी ट्रंप के वीडियो को कॉपीराइट पॉलिसी का उल्लंघन मानते हुए हटा दिया है.


ट्रंप ने ट्विटर पर साधा निशाना


ट्रंप ने इस बारे में ट्विटर पर एक खबर को रि-ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रदर्शनकारियों से सहानुभूति दिखाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति का एक कैंपेन वीडियो ट्विटर ने डिसेबल कर दिया. ये लोग कड़ी मेहनत से कट्टरपंथी वाम डेमोक्रेट की तरफ से लड़ाई लड़ रहे हैं. एकतरफा लड़ाई. ये अवैध है. सेक्शन 230.'


ट्विटर के सीईओ ने दिया ट्रंप को जवाब 


इसके जवाब में ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी (Jack Dorsey) ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'ये सही नहीं है और न ही अवैध है. ये वीडियो इसलिए हटाया गया क्योंकि हमें इसको लेकर कॉपीराइट संबंधी शिकायत मिली थी.'






यू-ट्यूब पर मौजूद है ट्रंप का वीडियो 


गौरतलब है कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने डोनाल्ड ट्रंप के जिस कैंपेन वीडियो को हटाया है, वो प्रोटेस्ट मार्च की तस्वीरों और क्लिप्‍स को मिलाकर बनाया गया था. वीडियो के बैकग्राउंड में अमेरिकी राष्ट्रपति का संदेश भी शामिल था. फिलहाल ट्रंप का वो वीडियो यू-ट्यूब पर अभी भी मौजूद है.


ट्रंप पर हुआ केस दर्ज 


उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले कई संगठनों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गुरुवार को केस दर्ज कराया है. दरअसल, व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और स्मोक बम छोड़े थे, जिसके बाद से ट्रंप की खूब आलोचना हो रही है.


अमेरिकन सिविल लिबर्टीज़ यूनियन और कई दूसरे समूहों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप और सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है.


जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से हो रहे हैं विरोध-प्रदर्शन 


गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिका के मिनीपोलिस में 46 साल के अश्वेत अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड को जालसाजी से जुड़े एक मामले में पुलिस ने पकड़ा था. जॉर्ज एक रेस्टोरेंट में सिक्योरिटी गार्ड था. पुलिस के एक अधिकारी ने उसके हाथों में हथकड़ी पहनाई और जमीन पर लिटा दिया. इसके बाद उसकी गर्दन को घुटने से दबा दिया. जॉर्ज कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है, लेकिन अधिकारी ने उसकी गर्दन से पैर नहीं हटाया और कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया. इसके बाद अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. जॉर्ज की मौत के बाद से ही रंगभेद की बात पर पूरे अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.



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