Turkey: अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले शुरू किए हैं, जिसपर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. इसी कड़ी में अब तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों की निंदा की है. 


टाइम्स ऑफ़ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, रजब तैयब एर्दोआन ने दोनों देशों पर आरोप लगाया कि वह लाल सागर को 'खून के समुद्र' में बदलना चाहते हैं. किस्से पहले भी नाटो सदस्य तुर्किए ने गाजा युद्ध को लेकर बार बार इजरायल पर निशाना साधा है. इसके अलावा वह कई बार पश्चिमी देशों की इजरायल का समर्थन करने पर आलोचना कर चुके हैं. अपने ताजा बयान में एर्दोआन ने कहा कि यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा हवाई और समुद्री हमले आनुपातिक नहीं हैं. यानी उन्होंने हूती विद्रोहियों को ब्रिटेन और अमेरिका की तुलना में बेहद छोटा बताया.


लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश


रिपोर्ट के अनुसार, इस्तांबुल में शुक्रवार को एर्दोआन ने कहा कि जो कुछ किया गया है वह बल का असंगत प्रयोग है. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल वह लाल सागर को खून के समुद्र में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान तुर्किए के राष्ट्रपति ने इजरायल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह भी फिलिस्तीन में ऐसा ही कर रहा है. 


इजरायल भी साधा निशाना 


रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि हमें विभिन्न स्रोतों से जो जानकारी प्राप्त हुई है, उस हिसाब से हूती विद्रोहियों ने बहुत सफल बचाव किया है और अमेरिका और ब्रिटेन दोनों के खिलाफ सही प्रतिक्रियाएं दी हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के 'नरसंहार' मामले पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.


उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी माना है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं है.  इससे पहले अमेरिका ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. अमेरिका ने कहा है कि अगर हूती लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना जारी रखते हैं तो यमन में और ज्यादा हमले किए जाएंगे. 


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