Turkey Over Sweden: हाल ही में स्वीडन (Sweden) ने नाटो में शामिल होने के लिए अर्जी दी है. उसने ऐसा फैसला यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद लिया. स्वीडन के इस फैसले के बाद से तुर्की (Turkey) ने जमकर विरोध किया. इसके जवाब में स्वीडन ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक आज सोमवार (23 जनवरी) को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने कहा कि स्वीडन को इस्लाम विरोधी प्रदर्शनों के बाद नाटो में शामिल होने के लिए तुर्की के समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.


इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान धुर दक्षिणपंथी डेनिश राजनीतिक पार्टी के नेता स्ट्रैम कुर्स रासमस पलुदान ने कुरान को जला दिया. स्वीडन को नाटो में प्रवेश पाने के लिए तुर्की के समर्थन की आवश्यकता है क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यूरोप में भय बढ़ गया है. 


स्वीडिश-डेनिश राजनेता की हरकत


इस विरोध प्रदर्शन के दौरान तुर्की ने कहा था कि वह नाटो की सदस्यता की आपत्तियों को दूर करने के उद्देश्य से स्वीडन के रक्षा मंत्री की यात्रा रद्द कर रहा है. इसके लिए तुर्की के विदेश मंत्री ने रैली पर बैन लगाने के लिए देश के राष्ट्रपति से आग्रह किया था. इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से हुई.


इस पर तुर्की के अधिकारियों ने स्वीडन की राजधानी में अपने दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन करने के लिए दक्षिणपंथी स्वीडिश-डेनिश राजनेता रासमस पलुदन कि निंदा भी कि क्योंकि उन्होंने कुरान को जला दिया था.


अंकारा की मांग


स्वीडन और तुर्की के बीच चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान तुर्की ने मांग कि थी कि वो कुर्द कार्यकर्ताओं को सौंप दे. इसके साथ ही तुर्की ने स्वीडन से रैलियों को रोकने की भी मांग की थी. इससे पहले पिछले साल 2022 मई में राष्ट्रपति एर्दोगन ने फिनलैंड और स्वीडन के लिए नाटो की सदस्यता के लिए तुर्की के तरफ से विरोध जाहिर कर चुके है. नॉर्डिक देशों के ओर से मामले को संबोधित करने के लिए तुर्की में प्रतिनिधिमंडल भेजने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.


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