तुर्किए हमेशा भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खड़ा होता आया है. ऐसे में अब भारत के पास मौका है कि वह तुर्किए के जानी दुश्मन यानी कि सीरिया के कुर्द समुदाय की मदद कर एर्दोगन से बदला ले सकता है. सीरिया के कुर्द आबादी पर तुर्किए अक्सर बमबारी करता रहता है. कुर्दों का नेतृत्व करने वाले मजलूम आब्दी ने भारत से मदद मांगी है. मजलूम आब्दी सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) के कमांडर जनरल और वहां के सीनियर नेताओं में से एक हैं.
सेक्युलर सरकार चाहता है एसडीएफ
जनरल आब्दी की पार्टी डेमोक्रेटिक है और कट्टरपंथ का विरोध करती है. वे सीरिया में एक सेक्युलर सरकार की स्थापना करना चाहते हैं. वहीं सीरिया के मौजूदा राष्ट्रपति अबु जोलानी चाहते हैं कि आब्दी 10 मार्च को हुए समझौते का पालन करे. एसडीएफ जातीय/धार्मिक अधिकारों (विशेषकर कुर्द मान्यता) और लैंगिक समानता की मांग कर रहा है. सीरिया इन्हें राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन बताकर खारिज करता है.
'आतंकी ताकतों को दोबारा संगठित होने का मौका मिल रहा'
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल आब्दी ने एक इंटरव्यू में कहा, "सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के जाने के बाद भले ही राहत मिली हो, लेकिन सुरक्षा और प्रशासनिक ढांचे के नाम पर अभी भी सब कुछ जीरो है. ISIS जैसी आतंकी ताकतों को दोबारा संगठित होने का मौका मिल रहा है. पानी और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतें अभी भी बहुत मुश्किल से मिल पा रही हैं. हालांकि आर्थिक प्रतिबंधों के हटने से, कुछ राहत मिली है और उम्मीद है कि हमारा देश पुनर्निर्माण कर सकता है."
तुर्किए के दुश्मन ने भारत से मांगी मदद
जनरल आब्दी ने कहा, "सुरक्षा के लिहाज से कई कठिनाइयां और खतरे हैं. अंतरिम सरकार एकतरफा तरीके से नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रही है. हमने बड़े शहरों में कई आत्मघाती हमले देखे हैं. कई देशों की सेना हमारा समर्थन कर रही है. भारत और अन्य एशियाई देश सीरिया में पुनर्निर्माण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. पश्चिम एशिया में भारत की हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका रही है. भारत कुर्द लोगों की मदद कर क्षेत्र की स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है."
पाकिस्तान की मदद करने वाले एर्दोगन से बदला लेने का मौका
तुर्किए की सरकार ने जनरल मजलूम आब्दी को आतंकवादी घोषित कर रखा है. सीरिया में 2011 में गृहयुद्ध के बाद SDF ने कुर्द इलाकों में एक प्रभावशाली सरकार की स्थापना की है. तुर्किए ने कई बार कुर्दों के इलाकों पर हमला किया और एसडीएफ को बॉर्डर पर खतरा बताया. हालांकि अमेरिका एसडीएफ को आतंकवाद के खिलाफ साझेदार मानता है. यही कारण है कि तुर्किए और अमेरिका के बीच भी तनाव पैदा होता रहता है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर भारत एसडीएफ की मदद करता है तो यह एर्देगन के लिए बड़ा सबक होगा.
ये भी पढ़ें : ट्रंप ने साउथ कोरिया पर लगा टैरिफ घटाया, बोले- अमेरिका से अच्छे रिलेशन; जानें क्यों दी SK को छूट?