पाकिस्तान के दोस्त तुर्किए ने 92.4 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस की नई खोज की घोषणा की है. इसकी कीमत मौजूदा बाजार दरों के अनुसार लगभग 37 अरब अमेरिकी डॉलर यानी करीब 3.08 लाख करोड़ आंकी गई है. ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन मंत्री अलपर्सलान बायरकतर (Alparslan Bayraktar) ने संसद की ऊर्जा समिति में बताया कि यह खोज तुर्किए की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम है. इसमें से 75 अरब घन मीटर गैस गोकटेपे-3 (Goktepe-3) कुएं से मई 2025 में प्राप्त हुई थी.
मंत्री बायरकतर ने जानकारी दी कि सरकार का मकसद है कि 2026 तक कुल 300 ड्रिलिंग ऑपरेशन पूरे किए जाएं, जिनमें 282 स्थल आधारित (Onshore) और 18 समुद्री (Offshore) होंगे. वर्तमान में तुर्किए प्रतिदिन 1.8 लाख बैरल तेल का उत्पादन कर रहा है, जो लगभग 70 लाख वाहनों को ईंधन देने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि माउंट गबर (Mount Gabar) क्षेत्र में तेल उत्पादन को पहले के 57,000 बैरल से बढ़ाकर 81,000 बैरल प्रतिदिन कर दिया गया है. इससे देश के व्यापार घाटे में हर साल करीब 2 अरब डॉलर की कमी आई है.
2026 तक 20 मिलियन क्यूबिक मीटर उत्पादन
तुर्किए सरकार ने यह भी बताया कि काला सागर के साकार्या गैस फील्ड (Sakarya Gas Field) में स्थापित किए जा रहे नए फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म उस्मान गाज़ी (Osman Gazi) के माध्यम से 2026 तक 20 मिलियन क्यूबिक मीटर/दिन गैस उत्पादन शुरू किया जाएगा. तीसरे चरण में (2028 तक) यह उत्पादन बढ़कर 45 मिलियन क्यूबिक मीटर/दिन तक पहुंचने की उम्मीद है.
आधुनिक ड्रिलिंग तकनीक से ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
पिछले एक दशक में तुर्किए ने विश्व का चौथा सबसे बड़ा तेल और गैस अन्वेषण बेड़ा तैयार किया है. इसमें 6 ड्रिलिंग शिप्स और 2 सिस्मिक सर्वे जहाज़ शामिल हैं. इन आधुनिक जहाज़ों की मदद से तुर्किए अब अपने समुद्री क्षेत्रों में खुद खोद करके उत्पादन करने में सक्षम हो गया है, जिससे विदेशी कंपनियों पर निर्भरता घट रही है.
मिस्र में भी नई गैस खोज, अरब क्षेत्र में बढ़ी ऊर्जा गतिविधि
तुर्किए के साथ-साथ मिस्र (Egypt) ने भी हाल ही में नई प्राकृतिक गैस खोज की घोषणा की है. मिस्र के पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक, बद्र अल-दीन कंपनी (Badr El Din Company) ने पश्चिमी रेगिस्तान के बद्र-15 क्षेत्र में एक ऐसा कुआं खोजा है, जिसकी क्षमता प्रतिदिन 16 मिलियन क्यूबिक फीट गैस और 750 बैरल कंडेनसेट उत्पादन की है. इससे मिस्र के राष्ट्रीय गैस भंडार में लगभग 15 बिलियन क्यूबिक फीट की बढ़ोतरी होने की संभावना है.