1971 युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान का कोई जंगी जहाज बांग्लादेश पहुंचा है. पाकिस्तानी नौसेना का युद्धपोत पीएनएस सैफ बांग्लादेश के चटगांव (चटोग्राम) पहुंचा है. हालांकि इसे गुडविल मिशन बताया जा रहा है, लेकिन खास बात है कि इसी दौरान पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख नाविद अशरफ भी बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मौजूद हैं.
अशरफ के दौरे पर बांग्लादेशी सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख ने ढाका दौरे पर बांग्लादेशी सेना प्रमुख वकार उज जमा से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान दोनों ने पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. साथ ही दोनों देशों की सैन्य ताकत मजबूत करने पर जोर दिया गया.
बांग्लादेशी नौसेना ने पाकिस्तानी जहाज को दी सलामी बांग्लादेश की नौसेना के मुताबिक इस जंगी जहाज की कमान कैप्टन शुजात अब्बास राजा के पास है. चटगांव पहुंचने से पहले बांग्लादेशी नौसेना की ओर से समुद्र में ही पाकिस्तानी जहाज को औपचारिक सलामी दी गई और बंदरगाह तक एस्कॉर्ट किया गया. यात्रा के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के अधिकारी आपस में बातचीत करेंगे. बता दें कि ये यात्रा 12 नवंबर को समाप्त होगी.
बता दें कि अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद पाकिस्तान उन शुरुआती देशों में शामिल था, जिसने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का स्वागत किया. इसके बाद से ढाका और इस्लामाबाद में रिश्ते लगातार बेहतर हो रहे हैं, जबकि भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है.
तकनीकी खराबी से जूझ रहे हैं पाकिस्तानी वॉरशिप पाकिस्तानी वॉरशिप PNS सैफ इन दिनों तकनीकी खराबी से जूझ रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जंगी जहाज के HP-5 स्टेबलाइजर सिस्टम में गड़बड़ी आई है. इसके कारण समुद्री यात्रा के दौरान जहाज का कंट्रोल प्रभावित हो सकता है और नेविगेशन में काफी दिक्कतें आ सकती हैं. PNS सैफ को चीन ने 2010 में पाकिस्तान को बेचा था. यह वही फ्रिगेट क्लास का जहाज है जिसमें PNS शमशीर और PNS आसलत भी शामिल हैं.
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, चीन ने इस क्लास के जहाजों की सप्लाई के लिए पाकिस्तान से करीब 6,375 करोड़ रुपए वसूले थे, लेकिन अब बार-बार आ रही खराबियों ने चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं.
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