इस्‍लामाबाद. भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हालत किस कदर बिगड़ चुकी है, इसका अंदाजा वहां गेहूं की कीमत जानकर लगाया जा सकता है. यहां आटे के दाम उच्चतम स्तर पर पहुंचने जा रहा है. देश के कई हिस्सों में इसकी कीमत 75 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी है. महंगाई ने आम पाकिस्तानी का जीना मुहाल कर रखा है. यही नहीं, सिंध समेत कई शहरों में दुकानों पर लंबी लंबी कतारें लगी हैं. इंतजार करने के बाद भी लोगों को आटा नहीं मिल रहा है. भूखों मरने तक की नौबत आ चुकी है. इन दिनों एक शख्स का वीडियो वायरल हो रहा है. इसके मुताबिक, आटा न मिलने पर ये शख्स फूट फूटकर रो रहा है और अपना सिर पीट रहा है.

Continues below advertisement

विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं

देश में पैदा हुये इस हालात पर विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है. कई शहरों में प्रदर्शन के बाद सरकार ने खाद्यान्न संकट को दूर करने के लिये बड़े स्तर पर योजना बनाई है. इसके अलावा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय में आपातकालीन कैंप बनाया गया है. इसके जरिये हर स्थिति पर करीबी नजर रखी जाएगी.

Continues below advertisement

सिंध में बुरे हाल, 15 रुपये की एक रोटी रसातल में पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये सरकार ने कैबिनेट की बैठक लगातार दूसरे दिन बुलाई. इस बैठक के दौरान देश में खाद्यान्न संकट पर चर्चा हुई. वहीं, इमरान सरकार ने इस संकट के लिये सिंध सरकार पर ठीकरा फोड़ा. सिंध में पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी की सरकार है. इमरान सरकार ने कहा कि सिंध में आटा 75 रूपये किलो बिक रहा है.

फूट फूटकर रोया पाकिस्तानी अब हम आपको बताएंगे कि ये पाकिस्तानी क्यों रोया? सामने आये वीडियो में एक शख्स रो रहा है. वे बता रहा है कि वह तीन दिन से कोशिश कर रहा ता कि उसे आटा मिल जाये लेकिन उसे नहीं मिला. यही नहीं, उसने बताया कि वह तीन दिन से भूखा है, उसके बच्चे भी भूखे हैं. इस शख्स ने कहा कि रोटी भी नहीं मिल रही है, हम गरीब हैं कहां जाये, कहां से खाएं. यही नहीं, उसने कहा कि हम सूखी रोटी खाने को तैयार हैं, लेकिन वह भी नहीं मिल रही है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान में गेहूं की कीमत में आसमानी उछाल आया है. गेहूं अबतक के रिकॉर्ड स्तर को छू रहा है. इसकी कीमत 60 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची है. विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. उसका कहना है कि इमरान सरकार असफल है. बीते दिसंबर से गेहूं की कीमतें बढ़ने लगी थीं. ये तकरीबन 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थीं. अक्टूबर में हालात बद से बदतर हो गये हैं.