Singapore Presidential Election: सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम ने शुक्रवार (1 सितंबर) को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की. इस जीत के साथ ही थर्मन भारतीय मूल के उन नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए, जो विश्व की महत्वपूर्ण राजधानियों में राजनीति पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं. शुक्रवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 66 वर्षीय थर्मन शनमुगरत्नम को 70.4 प्रतिशत वोट मिले. उनकी यह जीत दुनियाभर में भारतीयों के वर्चस्व का प्रतीक मानी जा रही है.


थर्मन शनमुगरत्नम की जीत पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने शनिवार को उन्हें बधाई देते हुए कहा कि सिंगापुरवासियों ने निर्णायक अंतर से थर्मन शनमुगरत्नम को हमारा अगला राष्ट्रपति चुना है. अब जब चुनाव समाप्त हो गया है तो आइए हम आगे की चुनौतियों से निपटने और एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र का निर्माण करने के लिए सिंगापुरवासियों के रूप में फिर से एक साथ आएं. बता दें कि सिंगापुर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में थर्मन के प्रतिद्वंद्वियों एन. कोक सोंग और टेन किन लियान को क्रमश: 15.7 प्रतिशत और 13.8 प्रतिशत वोट मिले हैं. 


अमेरिका में भी भारतीय मूल के नेताओं का दबदबा 


गौरतलब है कि थर्मन शनमुगरत्नम की यह जीत दुनियाभर में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है. अमेरिका समेत दुनियाभर के कई देशों में भारतीय मूल के नेताओं का दबदबा है. अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बढ़ते प्रभाव को कमला हैरिस की सफलता में देखा जा सकता है, जो देश की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं. वह 2017 से 2021 तक कैलिफोर्निया की सीनेटर रहीं.


इसके साथ ही, नवंबर में हुए महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनावों में, सत्तारूढ़ डेमोक्रेट पार्टी के रिकॉर्ड पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं, जिनमें राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए हैं. इसके साथ ही, निक्की हेली और विवेक रामास्वामी जैसे भारतीय मूल के नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है.


ब्रिटेन में भी भारतीय नेताओं का वर्चस्व 


वहीं ब्रिटेन की बात करें तो यहां ऋषि सुनक पिछले साल ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने. वह 210 साल में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं. वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं. भारतीय मूल की ही, सुएला ब्रेवरमैन उनकी गृह सचिव के रूप में कार्यरत हैं. सुनक कैबिनेट में ब्रेवरमैन के बाद क्लेयर कॉटिन्हो भारतीय मूल (गोवा मूल) की दूसरी मंत्री हैं. 


आयरलैंड के पीएम भी भारतीय मूल के


आयरलैंड के प्रधानमंत्री (ताओसीच) लियो एरिक वराडकर भी भारतीय मूल के हैं. वराडकर अशोक और मिरियम वराडकर की तीसरी संतान और इकलौते बेटे हैं. उनके पिता का जन्म मुंबई में हुआ था और 1960 के दशक में यूनाइटेड किंगडम चले गए थे. एंटोनियो कोस्टा 2015 से पुर्तगाल के प्रधान मंत्री हैं. वह आधे भारतीय और आधे पुर्तगाली हैं. 


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