China-Taiwan Conflict: इस वक्त चीन और ताइवान (China-Taiwan Conflict) के बीच जोरदार तनातनी चल रही है. इसी बीच ताइवान की शीर्ष सरकारी एजेंसी Mainland Affairs Council (MAC) ने  सोमवार (2 अक्टूबर) को अपने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चीन के सैन्य शक्ति से मुकाबला करने के लिए ताइवान को अपनी लड़ाकू क्षमताओं और युद्ध रणनीति को विकसित करने की जरूरत है.


ताइवान के ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन शांतिपूर्ण एकीकरण और बल की मदद से एकीकरण दोनों रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कम या उसे थोड़े ज्यादा समय में ताइवान के भू राजनीतिक जोखिम और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों में बढ़ोतरी होने की आशंका है.


CCP की तरफ से डराने-धमकाने का काम
ताइवान की रिपोर्ट में इस बात को मुख्य रूप से शामिल किया गया है कि CCP की तरफ से डराने-धमकाने और हमलों को सैन्य रणनीति के रूप में इस्तेमाल करने से देश की शक्ति, संचार और मेडिकल सिस्टम खत्म हो जाएंगी. इसमें कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से साल 2027 तक ताइवान के साथ एकजुट होने के लिए सैन्य कार्रवाई करके अपने नेतृत्व को मजबूत करने की कोशिश करने की संभावना को कम करके नहीं आंका जा सकता है.


वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि ताइवान के साथ बीजिंग के राजनीतिक मतभेदों और अमेरिका के साथ उसके तनाव को सुलझाना मुश्किल है, इसलिए वह अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकीकरण का इस्तेमाल कर सकता है.


हमलों की पहली लहर भयंकर होगी
ताइवान की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान सरकार को CCP की शांतिपूर्ण और सैन्य रणनीति के जवाब में सरकार को नियामक, मानसिक, राजनीतिक और सैन्य तैयारी बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमलों की पहली लहर भयंकर होगी, इसलिए ताइवान को अपनी रक्षा और असममित क्षमताओं में सुधार करना चाहिए.


24 घंटे के भीतर 103 फाइटर जेट
AP की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में चीन की सेना ने 24 घंटे के भीतर ताइवान की ओर 103 फाइटर जेट भेजे थे. ताइवान  रक्षा मंत्रालय के मुताबिक फाइटर जेट का पता रविवार 17 सितंबर की सुबह 6 बजे से सोमवार 18 सितंबर की सुबह 6 बजे के बीच चला.


हालांकि, चीनी विमान ताइवान पहुंचने से पहले ही वापस लौट गए थे. चीन जो ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता है, ने ताइवान के आसपास हवा और पानी में बड़े सैन्य अभ्यास कर चुका है.


ये भी पढ़ें:Ismaili Muslim: न हज पर जाते, न रोजा रखते और न पांच वक्त का नमाज पढ़ते, कौन हैं ये मुस्लिम समुदाय और कितनी है आबादी