Taiwan Parliament Video : ताइवान में नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते की शपथ लेने के बाद भी संसद का हंगामा खत्म नहीं हो रहा है.देश की संसद में शुक्रवार को भी सांसदों के बीच जमकर लड़ाई हुई थी. इस दौरान लात-घूंसे भी चले थे. एक सांसद तो सदन से बिल के दस्तावेज लेकर ही भाग गया था, जिसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ. अब मंगलवार को भी करीब 3 हजार प्रदर्शनकारियों ने संसद का घेराव कर प्रस्तावित संसदीय सुधार कानून की निंदा कर हंगामा किया. मंगलवार शाम जब विपक्षी सांसद विधेयक पर बहस कर रहे थे, तब बाहर प्रदर्शनकारियों ने इसे चीन के साथ मिलकर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया.





क्यों हो रहा विवाद?
दरअसल, ताइवान की संसद में एक प्रस्ताव लाया गया है, इसके तहत सरकार के कामकाज पर नजर रखने के लिए विपक्षी सांसदों को ज्यादा पावर देने की बात कही गई है. इसके अलावा संसद में झूठा बयान देने पर सरकारी अधिकारियों पर क्रिमिनल केस दर्ज किया जाएगा, ऐसी विधेयक में मांग है. सत्ताधारी पार्टी इस पर चर्चा करना चाहती है, लेकिन विपक्ष इसे पास कराने पर अड़ा है. इसी बिल पर वोटिंग से ठीक पहले शुक्रवार को राष्ट्रपति चिंग ते की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) और चीन समर्थक विपक्ष की कुमेन्तांग (KMT) के लोगों में झड़प हो गई. इस दौरान एक दूसरे में लात घूंसे भी चले थे. दरअसल, सत्ताधारी पार्टी DPP के पास संसद में बहुमत नहीं है, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी KMT के पास DPP से ज्यादा सीटें हैं. बहुमत में आने के लिए ताइवान पीपुल्स पार्टी (TPP) के साथ KMT गठबंधन  की प्लानिंग में है.





रायटर्स के मुताबिक, बहुमत में होने की वजह से विपक्षी पार्टी संसद में अपने सदस्यों को सरकार के ऊपर नजर बनाए रखने के लिए और ज्यादा पावर दिलवाना चाहती है. DPP का आरोप है कि विपक्ष संसद में जबरदस्ती बिल पास करवाने की कोशिश कर रहा है, जो संविधान का उल्लंघन है. DPP के सांसदों का कहना है कि पहले बिल पर चर्चा करवाई जानी चाहिए. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि DPP इस बिल को पास नहीं होने देना चाहती, ताकि वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर सके.इसलिए ही संसद में ये हंगामा हो रहा है.


संसद के बाहर जमा हो गए हजारों लोग
अब मंगलवार को फिर से इस विधेयक पर संसद में चर्चा हुई, हालांकि इस बार कोई मारपीट नहीं हुई. मंगलवार को जब सांसद विधेयक पर बहस कर रहे थे, तब संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों ने विपक्षी दलों पर सुधारों को लागू करने की कोशिश करने और चीन के साथ मिलकर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया. एक 24 वर्षीय छात्र ने कहा कि मुझे लगता है कि आज इतने सारे लोगों के बाहर आने से यह कानून निर्माताओं के लिए एक चेतावनी है, उन्हें जागरूक होने की जरूरत है कि उन्हें यह शक्ति लोगों ने दी है। इस दौरान फिर संसद में अराजकता फैल गई, सांसदों ने बैनर फहराए और एक-दूसरे पर चिल्लाए भी, लेकिन शुक्रवार की तरह कोई मारपीट नहीं हुई. सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने हाथ में बैंड पहने थे, जिन पर लिखा था लोकतंत्र मर गया है.