China-Taiwan Conflict: चीन और ताइवान विवाद के बीच अब ताइवान ने कहा कि चीन अपनी सैन्य गतिविधि को ताइवान और आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़ा रहा है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार (18 सितंबर) को जानकारी दी कि चीन की सेना ने पिछले 24 घंटे के दौरान 103 वॉर प्लेन हमारी तरफ भेजे हैं. ये हाल के दिनों में 24 घंटों के भीतर भेजा गया सबसे ज्यादा वॉर प्लेन है.


ताइवान की रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने रविवार सुबह छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे के बीच चाइनीज वॉर प्लेन का पता लगाया था. हालांकि, पहले की ही तरह चाइनीज वॉर प्लेन ताइवान पहुंचने से पहले ही वापस लौट गये. आपको बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. इसकी वजह से वो आए दिन ताइवान के आस-पास चाहे वो पानी हो या हवा, तेजी से बड़े सैन्य अभ्यास करता है. इसकी वजह से हाल के दिनों में चीन और अमेरिका के बीच भी तनाव बढ़ गया है.


चीन का लगातार सैन्य उत्पीड़न
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के लगातार सैन्य उत्पीड़न से तनाव बढ़ रहा है. इसकी वजह से क्षेत्रीय सुरक्षा में दिक्कतें आ सकती हैं. उन्होंने चीन से विनाशकारी एकतरफा कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का आह्वान किया. चीन की वजह से ताइवान में सुरक्षा संबंधी गंभीर चुनौतियां पैदा हो गई हैं. 


चीनी सरकार लगातार ताइवान पर अपना दावा करती रही है, जिसे वह अपने क्षेत्र का हिस्सा मानती है.  People's Republic of China (PRC) इस बात पर जोर देता है कि ताइवान चीन का एक प्रांत है जो अस्थायी रूप से अलग हो गया है और अंततः इसे मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहिए. चाहे उसके लिए शांतिपूर्वक तरीकों का इस्तेमाल किया जाए या बलपूर्वक.


चीन दूसरे देशों पर बनाता है दबाव
चीन ने अन्य देशों पर आधिकारिक तौर पर इसे एक अलग देश के रूप में मान्यता न देने का दबाव डालकर ताइवान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की कोशिश की है. दुनिया के अधिकांश देश एक-चीन नीति का पालन करते हैं और ताइवान को औपचारिक रूप से एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता नहीं देते हैं.


हालांकि, कई देश ताइवान के साथ अनौपचारिक संबंध बनाए रखते हैं और व्यापार, सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान में भागीदारी रखते हैं. यही वजह है कि अमेरिका के साथ ताइवान के रिश्ते अच्छे हैं और वो ताइवान का सबसे बड़ा हथियारों का सप्लायर है.


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