Switzerland School Teachers News: दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में गिना जाने वाला स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) स्‍कूली शिक्षा के मामले भी अव्‍वल माना जाता है. हालांकि, वहां स्‍कूलों के शिक्षक (School Teachers) अधिकतर बच्चों के माता-पिता की एक आदत से बड़े परेशान हैं. शिक्षकों की मानें तो वहां 11 साल तक के बच्चों को ये पता नहीं है कि शौचालय का इस्‍तेमाल कैसे करना है, और डायपर (Diapers) में स्कूल आने वाले ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है.


स्विस न्‍यूजपेपर की रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्ज़रलैंड में बच्‍चे अब 5 साल का होने पर नहीं, बल्कि अब 4 साल की उम्र से ही स्कूल जा रहे हैं, और इतनी कम उम्र में उनका डायपर में आना गलत नहीं है. मगर, समस्‍या इससे आगे तब शुरू होती है, जब वे 11 साल तक का हो जाने के बावजूद भी डायपर पहनकर स्कूल में आते हैं. स्विस अखबार 20 मिनटन ने स्विस फेडरेशन ऑफ टीचर्स के चीफ डागमार रोस्लर के हवाले से लिखा, "स्‍कूलों में शिक्षक स्कूल में डायपर पहनने वाले बड़े बच्चों को लेकर चिंतित हैं, क्‍योंकि वहां कर्मचारी ऐसे बच्चों की मदद करते-करते थक गए हैं, जिनमें टॉयलेट जाने का सलीका नहीं हैं."




स्विट्ज़रलैंड के एक शिक्षक ने कहा, "हमारे स्‍कूलों में ऐसे बच्‍चों की संख्‍या आसमान छू रही है, जो डायपर में स्कूल आते हैं. वाकई यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है.," आए रोज वहां डायपर के साथ स्कूल आने वाले बच्चे स्टाफ के लिए समस्या बन जाते हैं क्योंकि उन्हें भीगे हुए डायपर को प्रबंधित करने में बच्चों की मदद करनी पड़ती है. शिक्षक ने कहा कि यह माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे ये सुनिश्चित करें कि उनके स्कूली उम्र के बच्चे अब डायपर नहीं पहनेंगे. शिक्षक उनके बच्‍चों के डायपर बदलने के लिए नहीं होते हैं. ऐसा लगता है कि वह हद पार कर रहे हैं.


मेयो क्लिनिक के अनुसार, स्विट्ज़रलैंड में 18 महीने से 24 महीने तक के बच्‍चों के लिए पॉटी ट्रेनिंग होती है, लेकिन कई माता-पिता उस प्रशिक्षण सत्र से बचते दिखते हैं. शैक्षिक अधिकारी मार्ग्रिट स्टैम ने कहा, "कुछ माता-पिता इसे इग्‍नोर करते हैं, क्योंकि उन्‍हें लगता है कि डायपर सुविधाजनक है और यही पहनाकर बच्‍चों को स्‍कूल भेज देते हैं.' मार्ग्रिट ने कहा कि बहुत से बच्‍चों के माता-पिता द्वारा इसे किसी समस्या के रूप में नहीं देखा जाता, जो कि गलत बात है."


यह भी पढ़ें: 'मिनी स्विट्जरलैंड' घूमा क्या...रोम-रोम में बस जाएगी यहां की खूबसूरती, लौटने का मन नहीं करेगा आपका