No-Confidence Motion in Sri lanka: भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता रुकने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान के बाद अब श्रीलंका में राजनीतिक उठापटक जारी है. आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका के लोग मौजूदा सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं. लोगों के साथ विपक्ष भी खड़ा है. अब खबर है कि श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल एसजेबी ने मंगलवार को एसएलपीपी गठबंधन सरकार और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ संसद के अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव दिया.


एसजेबी ने सौंपे 2 अविश्वास प्रस्ताव


समागी जन बालवेगया (एसजेबी) के महासचिव रंजीथ मद्दुमा बंडारा का कहना है कि, 'संसद के अध्यक्ष को उन्होंने दो अविश्वास प्रस्ताव सौंपे हैं. उन्होंने बताया कि दो अविश्वास प्रस्ताव में से एक राष्ट्रपति के लिए है, जबकि दूसरा प्रधानमंत्री के लिए. जल्द ही इस पर वोटिंग की मांग की जाएगी. एसजेबी ने ये भी कहा है कि वह संसद के उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करेंगे.


राजपक्षे सरकार को देना पड़ सकता है इस्तीफा


एसजेबी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) संयुक्त रूप से राष्ट्रपति राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी.  बताया जा रहा है कि अगर एसजेबी के अविश्वास प्रस्ताव पर मौजूदा श्रीलंका सरकार जरूरी वोट नहीं हासिल कर पाएगी तो पीएम महिंद्रा राजपक्षे और कैबिनेट को इस्तीफा देना होगा. वहीं, टीएनए/यूएनपी के प्रस्ताव पर को सफलता मिलती है तो जरूरी नहीं कि राष्ट्रपति इस्तीफा दें.


राष्ट्रपति को हटाने के विकल्प


प्रधानमंत्री तो अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में पास न होने पर कुर्सी से हाथ धो बैठेंगे, लेकिन राष्ट्रपति के सीन में ऐसा नहीं होगा. उन्हें हटाने के लिए 2 विकल्प बचेंगे. इसमें एक है महाभियोग, जिसमें बहुत समय लग सकता है, जबकि दूसरा है खुद राष्ट्रपति इस्तीफा दे दें.


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