इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई है. परवेज़ मुशर्रफ पर आरोप है कि उन्होंने साल 2007 में पाकिस्तान में आपातकाल लगाया था. 76 साल के मुशर्रफ फिलहाल इलाज के लिए दुबई में हैं. जिसके बाद से वह सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पाकिस्तान नहीं लौटे.


भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा रहे हैं नवाज़


बता दें कि पीएमएल-एन सरकार ने उनके खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज करवाया था. उस वक्त देश के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ थे. बड़ी बात यह है कि खुद नवाज़ शरीफ भी भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा रहे हैं. इसके बाद 31 मार्च 2014 को मुशर्रफ आरोपी करार दिए गए और उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे.


देशद्रोह मामले में मुशर्रफ ने दर्ज नहीं कराया अपना बयान


पिछले हफ्ते विशेष कोर्ट ने मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में पांच दिसंबर को बयान दर्ज करवाने के लिए कहा था. जिसके बाद मुशर्रफ ने अपने समर्थकों के लिए संदेश जारी करते हुए कहा था कि वह काफी बीमार हैं और देश आकर बयान नहीं दर्ज कर सकते.


पाकिस्तानी मीडिया में बताया गया है कि मुशर्रफ को एक दुर्लभ किस्म की बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं. इस बीमारी के कारण बची हुई प्रोटीन शरीर के अंगों में धीरे-धीरे जमा होने लगता है.


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