South Korea: साउथ कोरिया (South Korea) के सियोल हाई कोर्ट ने एक मामले में पाया कि एक गवर्नमेंट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने एक कस्टमर के पार्टनर को बीमा का कवरेज दे दिया था, लेकिन बाद में फर्म को पता चला की कपल समलैंगिक थे, तो उन्होंने कवरेज देने से मना कर दिया.


समलैंगिक कपल ने साल 2019 में शादी की थी. वहीं साउथ कोरिया में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं मिली है, लेकिन बाद में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पर केस करने बाद दोनों को उसका अधिकार मिल गया और इस तरह साउथ कोरिया की कोर्ट ने पहली बार देश में समलैंगिक जोड़े के अधिकारों को मान्यता दी. वहीं LGBT से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि फैसला देश में LGBT अधिकारों के लिए एक अच्छी बात है.


फैसले का स्वागत किया


समलैंगिक कपल में एक सो सेओंग-वूक ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने साल 2021 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सेवा (NHIS) पर मुकदमा दायर किया था, क्योंकि कंपनी उनके पार्टनर पर पहले बीमा कवरेज दिया था, लेकिन फिर इसे रद्द कर दिया गया क्योंकि NHIS ने कहा कि उन्होंने इसे समान-सेक्स जोड़े को देने में गलती की थी.


सो सेओंग-वूक ने कोर्ट के फैसले का जश्न मनाते हुए कहा कि कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में समानता के सिद्धांत को देखा और मैं इसकी प्रशंसा करता हूं. उन्होंने बीबीसी को बताया कि मुझे लगता है कि LGBT लोगों के लिए यह बहुत मायने रखता है, जो भेदभावपूर्ण स्थिति में हैं, जो उनका समर्थन करते हैं और जिनके साथ भेदभाव किया जाता है. 


लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया


सियोल हाई कोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया. यह पाया गया कि NHIS के तहत पति-पत्नी का कवरेज केवल कानून के तरफ से परिभाषित परिवारों तक ही सीमित नहीं है. यह भी पाया गया कि समान-लिंग वाले जोड़ों को इस तरह के लाभों से वंचित करना भेदभाव के समान है.


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