दक्षिण कोरिया में पिछले कुछ सालों से एक नए किस्म का अपराध देखने में आ रहा है. यहां लोगों की मर्जी के बिना खुफिया कैमरों की मदद से निजी जिंदगी में दखलअंदाजी की जा रही है. सुई की साइज के खुफिया कैमरों का इस्तेमाल कर यौन अपराधी महिलाओं के वीडियो बना रहे हैं. वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए खुफिया कैमरों को बेडरूम, वॉशरूम और सावर्जनिक जगहों पर स्थापित कर दिया गया है.


दक्षिण कोरिया में एक नई किस्म के अपराध ने दहशत फैलाई हुई है. इस दहशत का नाम है 'मोलका'. मोलका शब्द का इस्तेमाल कोरियाई भाषा में खुफिया कैमरों के लिए होता है. चंद सालों में ही मोलका ने बड़े खतरे की शक्ल अख्तियार कर ली है. यहां लोगों की निजता खुफिया कैमरों से रिकॉर्ड कर भंग की जा रही है. उच्च तकनीक का इस्तेमाल लोगों की मर्जी के खिलाफ किया जा रहा है. 2012 में पुलिस के पास इस तरह की 2400 शिकायतें आईं थीं. जबकि 2017 में मामलों की संख्या बढ़कर 6400 हो गई. अश्लील वीडियो, फिल्में और साहित्य दक्षिण कोरिया में बैन हैं. इसके बावजूद लोगों की इच्छा के विरुद्ध उनकी तस्वीर और वीडियो बनाई जा रही है.


2019 में एक पैथोलोजिस्ट को सुपर मार्केट में गए एक परिवार की महिलाओं की स्कर्ट की तस्वीर बनाते पकड़ा गया था. पुलिस की जांच में पता चला कि उसके फोन में उसके साथ काम करने वाली कई महिलाओं के वीडियो भी हैं. आरोपी शख्स ने महिलाओं के लॉकर के सामने किताबों की आलमारी में सुराख कर खुफिया कैमरा स्थापित कर दिया था. जिससे महिलाओं के कपड़े बदलते हुए वीडियो रिकॉर्ड किए गए. मोलका का निशाना बनाने वाले आरोपी को बाद में दस महीने कैद की सजा सुनाई गई. यौन अपराधियों की इस करतूत का लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. वीडियो सामने आने के बाद कई लोग बीमार पड़ गए. यहां तक कि मोलका का असर खुदकुशी की शक्ल में भी देखा गया.


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