दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति योन सुक-योल ने अपने देश में मार्शल लॉ लगाने के लिए उत्तर कोरिया को हमले के लिए उकसाया था. ये खुलासा जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ गठित जांच कमेटी ने दिया है.
उत्तर कोरिया की एयरस्पेस में भेजे गए कोवर्ट ड्रोनजांच के मुताबिक, मार्शल लॉ लगाने के लिए योल ने अपने कैबिनेट के रक्षा मंत्री और खुफिया एजेंसी के चीफ के साथ मिलकर उत्तर कोरिया की एयरस्पेस में कोवर्ट ड्रोन भेजे थे. ये ड्रोन, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के पैतृक घर तक भेजे गए थे. ऐसा कर दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया से जंग जैसे हालात पैदा करने की साजिश रची थी. लेकिन जब उत्तर कोरिया ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की तो, योल ने अपने देश के विपक्षी नेताओं को उत्तर कोरिया के साथ मिले होने के मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए 3 दिसंबर 2024 को मार्शल लॉ लगा दिया था.
छह घंटे में ढह गई साजिशकरीब छह घंटे के मार्शल लॉ के बाद योल को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था. क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने सेना, पुलिस और जनता के साथ मिलकर योल की साजिश को विफल कर दिया था. विपक्षी पार्टियों के सांसद और जनता ने दक्षिण कोरिया की संसद पर कब्जा कर लिया था और सड़कों पर उतर आई थी. जांच कमेटी के मुताबिक, योल ने दक्षिण कोरिया में मिलिट्री-जुंटा (सैन्य शासन) लगाने की कोशिश की थी.
महाभियोग और गिरफ्तारीसंसद ने योल को महाभियोग के जरिए राष्ट्रपति पद से बेदखल कर दिया था. इसी साल अप्रैल के महीने में योल और उसकी कैबिनेट के पांच मंत्रियों सहित कुल 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इनमें इंटेलिजेंस चीफ और सेना प्रमुख भी शामिल थे. करीब छह महीने तक जांच कमेटी ने योल के खिलाफ इंक्वायरी कर मार्शल लॉ लगाने की साजिश को बेपर्दा किया है.
चुनावी हार के बाद सत्ता जाने का डरकमेटी के मुताबिक, संसदीय चुनाव में हार के बाद योल को अपनी गद्दी जानकर डर सताने लगा था. ऐसे में योल ने अपने नेतृत्व में मिलिट्री-शासन लगाने की साजिश रची ताकि लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म कर सत्ता जारी रखी जाए.