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धरती की ओर बढ़ रहा है भयानक सौर तूफान, 14 हजार साल पहले जैसी तबाही का डर! अंधेरे में डूब जाएगी दुनिया?

एबीपी न्यूज़ डेस्क   |  अविनाश झा   |  23 May 2025 07:45 AM (IST)

लगभग 14,300 साल पहले धरती पर आया सबसे शक्तिशाली सौर तूफान, फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने पेड़ों के जीवाश्म छल्लों का अध्ययन कर खोज की. यह तूफान आज की तकनीक पर आधारित दुनिया के लिए खतरा है.

धरती की ओर बढ़ रहा है भयानक सौर तूफान

आज से करीब 14300 साल पहले धरती पर अब तक का सबसे शक्तिशाली सौर तूफान आया था. फिनलैंड की ओउलु यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पेड़ों के जीवाश्म छल्लों में रेडियोकार्बन की मात्रा पर अध्ययन कर उसकी खोज की. तकनीक पर निर्भर आज की दुनिया के लिए यह तूफान बड़ा खतरा बन सकता है. क्या है सौर तूफान? दरअसल, सूरज से निकलने वाली तेजी ऊर्जा और चार्ज्ड कण (प्रोटॉन) जब धरती के वायुमंडल से टकराते हैं तो इसे सौर तूफान कहते हैं. ये कण धरती के चुंबकीय क्षेत्र को हिला देते हैं और रेडियोकार्बन (कार्बन-14) नाम के रेडियोधर्मी तत्व की मात्रा बढ़ा देते हैं. इस रेडियोकार्बन की मदद से वैज्ञानिक पुरानी चीजों की उम्र पता करते हैं. 

वैज्ञानिकों ने पेड़ों के पुराने छल्लों में रेडियोकार्बन की असामान्य वृद्धि देखी, जिसके बाद शोध में पता चला कि यह 12,350 ईसा पूर्व (जनवरी से अप्रैल) में आए एक सौर तूफान की वजह से था. ये तूफान इतना शक्तिशाली था कि उसने 2003 के हेलोवीन सौर तूफान से 500 गुणा ज्यादा ऊर्जा धरती पर भेजी. वैज्ञानिकों ने सबसे पहले पांच बड़े सौर तूफानों का अध्ययन किया, जो 994 ईस्वी, 775 ईस्वी, 663 ईसा पूर्व, 5259 ईसा पूर्व और 7176 ईसा पूर्व में आए थे. इन सबसे ताकतवर तूफान 775 ईस्वी में आया था, जिसका जिक्र राने चीनी और एंग्लो-सैक्सन दस्तावेजों में है. 12,350 ईसा पूर्व का तूफान इससे भी 18% ज्यादा प्रभावशाली था. आज के लिए क्यों है खतरा?

आज हमारी दुनिया संचार सिस्टम, सैटेलाइट और बिजली ग्रिड पर निर्भर है. ऐसे में इतना बड़ा सौर तूफान भारी नुकसान पहुंचा सकता है. साल 1859 के कैरिंगटन तूफान ने टेलीग्राफ तारों को जलाया था. साल 2003 के हेलोवीन तूफान ने सैटेलाइट की कक्षा को बिगाड़ दिया था. इसके बाद 2024 का गैनन तूफान भी सैटेलाइटों को हिलाकर रख दिया. अगर 12,350 ईसा पूर्व जैसा तूफान आ जाए तो सैटेलाइट, बिजली और इंटरनेट पूरी तरह बंद हो जाएगा. हालांकि, आज वैज्ञानिक ऐसे तूफानों पर अध्ययन कर रहे हैं, जिससे भविष्य में सैटेलाइट, संचार सिस्टम और बिजली ग्रिड को नुकसान न पहुंचे और हमारी तकनीक को सुरक्षित किया जा सके.

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Published at: 23 May 2025 07:45 AM (IST)
Tags: Solar Storm Science News
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