Saudi Arabia Latest News: सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे अमीर देशों में होती है. इसकी प्रमुख वजह यह देश बड़े पैमाने पर दूसरे देशों को तेल निर्यात करता है. ऐसी स्थिति में अगर कोई कहे कि सऊदी अरब को दूसरे देशों से उधार लेना पड़ रहा है तो यह बात कुछ पचती नहीं है. हालांकि यह सत्य है कि सऊदी मौजूदा समय में कर्ज लेने के लिए मजबूर है. 


दरअसल, सऊदी अरब की पूरी आर्थिक स्थिति तेल पर टिकी हुई है. सऊदी भी इस बात को भलीभांति जानता है कि यह प्राकृतिक संसाधन उसके पास हमेशा नहीं रहने वाला है. यही वजह है कि वह भी यूएई की तरह देश में तेल से निर्भरता कम करना चाहता है. 


सऊदी अरब का लक्ष्य है कि वह 2030 तक अपनी आय में किसी तरह से विविधता लाए. इसी कड़ी में वह वैश्विक टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में हाथ आजमा रहा है. यही वजह है कि सऊदी में करीब 500 बिलियन डॉलर की लागत से नियोम शहर को बसाया जा रहा है. 


हालांकि, इस पहल में उसे आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि अपने इस पहल को पूरा करने के लिए सऊदी को उधार लेना पड़ रहा है और वह अपने कुछ शेयर भी बेच रहा है. 


सऊदी अरब में प्रोजेक्ट्स का वित्तपोषण वेल्थ फंड और पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) द्वारा किया जाता है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि पीआईएफ को मौजूदा समय में वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.


हाल यह है कि पीआईएफ की नकदी भड़ार राशि 2020 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर चल रही है. यही वजह है कि पिछले कई सालों के बाद उसे उधार लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है. 


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