Sri Lanka Crisis: विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस जयशंकर  (S Jaishankar) श्रीलंका (Sri Lanka) में चल रहे संकट पर 18 जून को विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति (Parliamentary Consultative Committee) को जानकारी देंगे. सुबह 11 बजे मंत्रालय कार्यालय में बैठक में जयशंकर के अलावा भारत के विदेश सचिव (Foreign Secretary) और अन्य विदेश मंत्रालय (MEA) के अधिकारी मौजूद रहेंगे.


बैठक के दौरान, भारत सरकार द्वारा संसद सदस्यों को - आर्थिक संकट और देश की पड़ोस नीति और नई दिल्ली द्वारा कोलंबो को कैसे और किस तरह की सहायता प्रदान की गई है- के बारे में जानकारी देने की संभावना है.


ये हैं समिति के सदस्य
संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों में वायनाड के कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, द्रमुक के राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा, सिलचर से बीजेपी सांसद डॉ राजदीप रॉय शामिल हैं. तमिलनाडु सहित संसद के सदस्यों से अपेक्षा है कि वे सरकार से उपमहाद्वीप पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछें.


तमिलनाडु सरकार ने भी इस संकट में श्रीलंका की मदद के लिए केंद्र से मदद मांगी है और श्रीलंका को दवाओं और अन्य मानवीय सहायता की खेप भी भेजी है.


भारत कर रहा है श्रीलंका की मदद
भारत श्रीलंका का एक मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद भागीदार बनता जा रहा है. महामारी और उर्वरक अराजकता के दौरान सहायता के अलावा, भारत द्वीप राष्ट्र को बुनियादी उत्पाद भी दान कर रहा है.


3 जून को, कोलंबो के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने 1990 की सुवासरिया एम्बुलेंस सेवा को कुल 3.3 टन आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति सौंपी. बागले ने कहा कि जयशंकर के मार्च 2022 में कोलंबो में सुवासरिया मुख्यालय के दौरे के दौरान फाउंडेशन द्वारा चिकित्सा आपूर्ति की बढ़ती कमी से अवगत कराया गया था.


इससे पहले 27 मई को श्रीलंका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त (High Commissioner) विनोद के जैकब (Vinod K Jacob) ने कोलंबो (Colombo) में स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुक्वेला को 25 टन से अधिक चिकित्सा आपूर्ति की खेप सौंपी थी. श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग (High Commission of India) ने ट्विटर पर कहा कि इस खेप की कीमत 260 मिलियन रुपये के करीब है.


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