दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की के साथ बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "मुझे आज काबुल में भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर डेवलप करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है." उन्होंने आगे कहा कि भारत अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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एस जयशंकर ने मुतक्की के साथ बैठक के दौरान कहा कि हमारे बीच घनिष्ठ सहयोग आपके राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता और लचीलेपन में भी योगदान देता है. इसे और बढ़ाने के लिए मुझे आज काबुल में भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर उन्नत करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है.

उन्होंने आगे कहा कि विकास और समृद्धि के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता है. हालांकि दोनों देशों द्वारा सामना किए जा रहे सीमापार आतंकवाद के साझा खतरे के कारण ये प्रतिबद्धताएं खतरे में हैं. हमें आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे. हम भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति आपकी संवेदनशीलता की सराहना करते हैं. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हमारे साथ आपकी एकजुटता काफी बेहतर थी. 

'अफगानिस्तान में भूकंप के समय भारत ने सबसे पहले भेजी मदद'

एस जयशंकर ने कहा कि हमें एक-दूसरे से बात करने के कई अवसर मिले हैं. एक बार पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद और दूसरी बार कुनार और नंगरहार भूकंप के बाद. हमारे बीच व्यक्तिगत रूप से होने वाली मुलाकात का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे हमें विचारों का आदान-प्रदान करने, साझा हितों की पहचान करने और घनिष्ठ सहयोग बनाने का अवसर मिलता है. उन्होंने बताया कि पिछले महीने अफगानिस्तान में आपदा के कुछ ही घंटों के भीतर सबसे पहले भारतीय राहत सामग्री भूकंप स्थलों तक पहुंचाई गई थी. इसके अलावा हम प्रभावित क्षेत्रों में आवासों के पुनर्निर्माण में भी अपना योगदान देना चाहेंगे.  

एस जयशंकर ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में खनन के अवसरों का पता लगाने के लिए भारतीय कंपनियों को आपका निमंत्रण भी अत्यंत सराहनीय है. इस पर आगे भी चर्चा की जा सकती है. व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने में हमारी साझा रुचि है. मुझे काबुल और नई दिल्ली के बीच अतिरिक्त उड़ानें शुरू होने की जानकारी देकर खुशी हो रही है.

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