इजरायल की कैबिनेट ने हमास के कब्जे से बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की रूपरेखा को मंजूरी दे दी है. इस बीच, अमेरिका गाजा युद्धविराम (truce) की निगरानी के लिए लगभग 200 सैनिक इजरायल भेजेगा. इससे पहले गुरुवार (9 अक्टूबर) रात गाजा सिटी पर इजरायल ने बड़ा हवाई हमला किया. यह हमला उस समय हुआ जब कैबिनेट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘गाजा शांति योजना’ पर मतदान के लिए बैठक कर रही थी, जिसका उद्देश्य गाजा युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करना है. 

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CNN के अनुसार, हमास के नियंत्रण वाली सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि गाजा सिटी के सबरा इलाके में हुए हमले से एक बहुमंजिला इमारत ढह गई और करीब 40 लोग मलबे में दब गए. इजरायली सेना (IDF) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमला हमास के आतंकियों पर किया गया. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि अब तक चार शव बरामद किए गए हैं और दर्जनों लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं. अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सलमिया ने कहा कि बुधवार शाम से अब तक 30 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. 

IDF ने बताया, “हमने उन आतंकवादियों को निशाना बनाया जो इजरायली सैनिकों के करीब थे और उनके लिए तत्काल खतरा बने हुए थे.” AFP के अनुसार, लगभग 200 अमेरिकी सैनिक गाजा में तैनात होंगे. उनका मुख्य काम सीजफायर समझौते की निगरानी करना और बंधकों की रिहाई प्रक्रिया में सहयोग करना है. 

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ट्रंप ने किया सीजफायर समझौते का ऐलान

हमले के कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इज़रायल और हमास पहले चरण के लिए सहमत हो गए हैं. ट्रंप ने बताया कि जैसे ही इजरायली सरकार मंजूरी देगी, युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि 1-2 दिनों में सभी बंधक रिहा होने की उम्मीद है.  ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह उनके 20-सूत्रीय पीस प्लान का पहला चरण है. इसमें हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा और इजरायल अपनी सेना को सहमत सीमा तक पीछे हटाएगा.

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