Russian Security Council Secretary Nikolai Patrushev: रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने चेतावनी के लहजे में कहा कि पश्चिमी देशों की खतरनाक नीति की वजह से परमाणु, रासायनिक या जैविक हथियारों के इस्तेमाल किए जाने का जोखिम बढ़ जाता है. निकोलाई पेत्रुशेव ने रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस के हवाले से कहा, "अमेरिका की विनाशकारी नीतियों की वजह से ही वैश्विक सुरक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है."


बुधवार (8 अक्टूबर 2023) को निकोलाई पेत्रुशेव ने यह भी दावा किया कि यूक्रेन ने रूस के तीन परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर हमले की कोशिश की है. उन्होंने कहा, "मोल्दोवा के ऊपर पश्चिमी उपनिवेशवाद का एक और शिकार बनने का खतरा मंडरा रहा है. वह देश अपनी संप्रभुता खोने की कगार पर है."


रूसी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी पेत्रुशेव का बयान तब आया है जब पुतिन ने दावा किया था कि पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को मिलने वाले हथियारों को तालिबान को बेचा जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "वे कहते हैं कि हथियार यूक्रेन से मध्य-पूर्व में जा रहे हैं. हां, बिल्कुल जा रहे हैं क्योंकि वहां हथियारों को तालिबान को बेचा जा रहा है."


हालांकि यूक्रेन ने कहा है कि वह पश्चिमी देशों से मिले हथियारों पर कड़ा नियंत्रण रखता है, लेकिन अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन से कहा कि वह हथियारों की हेरा-फेरी से बचें. 


90 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद


2022 के जून में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने आगाह किया कि यूक्रेन भेजे गए कुछ हथियार संगठित अपराध संगठनों के हाथों में जा सकते हैं. वहीं इसी साल मार्च में ग्लोबल इनिशिएटिव अगेंस्ट ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम ने एक रिपोर्ट में बताया कि यूक्रेन के संघर्ष वाले इलाके में हथियारों के किसी बड़े जखीरे को कहीं जाते हुए नहीं देखा गया है. 


दानदाताओं पर नजर रखने वाली संस्था कील इंस्टीट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी के मुताबिक, यूक्रेन को मदद देने वाले 8 सबसे बड़े पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को 90 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद दी है. 


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