Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग के बीच दुनियाभर के तमाम देशों को विश्व युद्ध का डर सता रहा है. इसी बीच इस युद्ध को लेकर कई बड़े अपडेट सामने आए हैं, जहां एक तरफ अमेरिका ने ये साफ कर दिया है कि वो रूस के खिलाफ सीधे जंग के मैदान में नहीं उतरने वाला है, वहीं बेलारूस जंग के मैदान में कूद चुका है. बेलारूस ने अपनी सेना को यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात कर दिया है, जहां पहले से ही हजारों रूसी सैनिक मौजूद हैं. इसी बीच जी-7 देशों की बैठक में रूस को सख्त लहजे में चेतावनी दी गई है. 


बेलारूस के जरिए हो सकता है हमला
रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में ब्रिज पर ट्रक ब्लास्ट ने पुतिन का पारा इतना हाई कर दिया कि 10 अक्टूबर को यूक्रेन पर सबसे बड़ी एयर स्ट्राइक हो गई. एक के बाद एक कई रूसी मिसाइलों का रुख यूक्रेन की तरफ मुड़ गया. उधर बेलारूस भी जंग में कूदने का ऐलान कर चुका है. वहीं यूक्रेन की जंग में बीते 4 दिनों में इतना बड़ा शिफ्ट देखकर अमेरिका और यूरोप को डर लगने लगा है कि कहीं पुतिन यूक्रेन पर केमिकल या न्यूक्लियर अटैक न कर दें. 


नामी रिसर्चर और इतिहासकार डॉक्टर यूरी फेल्शिंस्की रूस में पैदा हुए और अब अमेरिका में रहते हैं, पुतिन को करीब से जानते हैं. इन्होंने भी यूक्रेन युद्ध पर एक बहुत बड़ा बयान दिया है. डॉ यूरी ने कहा कि, व्लादिमीर पुतिन अमेरिका और नाटो से सीधे भिड़ने से डरते हैं. इसलिए वो बेलारूस के जरिए यूक्रेन पर परमाणु हमला करेंगे. क्योंकि इससे रूस को सीधे हमले का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकेगा. 


जी-7 देशों को भी परमाणु हमले का डर
वैसे डॉक्टर यूरी फेल्शिंस अकेले नहीं है जो ऐसा सोचते हैं. दुनिया की 7 बड़ी इकॉनमी वाले देशों के संगठन G-7 को भी कुछ ऐसा ही लगता है. G-7 की ताजा इमरजेंसी मीटिंग में रूस को धमकी दी गई कि अगर यूक्रेन पर केमिकल, बायोलॉजिकल या न्यूक्लियर अटैक हुआ तो रूस को बहुत बुरे अंजाम भुगतने पड़ेंगे. G-7 की इस इमरजेंसी मीटिंग में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी जुड़े थे. जेलेंस्की ने G-7 देशों से विनाशकारी हथियारों की डिमांड की है. G-7 देशों ने यूक्रेन को मदद का भरोसा भी दिया है, लेकिन न्यूक्लियर अटैक को लेकर G-7 देशों का डर बता रहा है कि अब पुतिन कुछ भी कर सकते हैं. 


जंग में कूदा बेलारूस
यूक्रेन और रूस की जंग में बेलारूस के कूदने से माहौल और भी ज्यादा गर्म हो चुका है. 10 अक्टूबर को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने अपने टॉप मिलिट्री कमांडर्स के साथ एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. मीटिंग के बाद लुकाशेंको ने जो कहा उससे यूरोप में महायुद्ध का खतरा पैदा हो गया है. लुकाशेंको ने कहा कि हमें पता चला है कि यूक्रेन बेलारूस पर हमला करने वाला है. इसलिए हमने अपनी सेना को यूक्रेन बॉर्डर पर रूसी सेना के साथ तैनात करने का फैसला किया है. हम रूसी सेना को बेस कैंप बनाने और जंगी तैयारी करने के लिए अपनी जमीन देंगे. 


NATO ने दी धमकी 
इस बयान का सीधा मतलब है कि अब यूक्रेन 2 फ्रंट वॉर से घिर चुका है. अब रूस के साथ बेलारूस भी यूक्रेन को दहलाने की प्लानिंग कर रहा है. लुकाशेंको के इस जंगी बयान के बाद 30 देशों का संगठन नेटो भी भड़क गया. नेटो ने कहा है कि वो यूक्रेन को हथियारों की मदद जारी रखेगा और जो कोई भी नेटो से भिड़ेगा उसे देख लिया जाएगा. 


बता दें कि बेलारूस का बॉर्डर लातविया, लिथुआनिया और पोलैंड से लगता है. ये तीनों ही नेटो कंट्रीज हैं. मुमकिन है कि लुकाशेंको को डराने के लिए नेटो इन 3 देशों में एक बड़ी मिलिट्री ड्रिल जल्द करे. नेटो चीफ स्टोल्टेनबर्ग ने भी अपने ताजे बयान में कहा है कि नेटो अगले हफ्ते न्यूक्लियर ड्रिल करेगा. जिसे कोई नहीं रोक सकता. 


इसी बीच एक बड़ी बैठक भी होने जा रही है. बताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान की मुलाकात हो सकती है. दोनों कजाकिस्तान में मिल सकते हैं. इस बैठक में पश्चिमी देशों के साथ वार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है. 


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