रूस और यूक्रेन के बीच 52वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना ही शांति कि दिशा में अहम कदम होगा. जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि रूस पर लगाए गए मौजूदा प्रतिबंध पुतिन और उनके देश के  लिए ‘‘कष्टकारी’’ हैं, लेकिन ये रूसी सेना को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. जेलेंस्की ने लोकतांत्रिक दुनिया से रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की अपील की. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जहां इस तरह का प्रतिबंध लगाया है, वहीं यूरोप रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर अत्यधिक निर्भर है, जबकि बाइडेन प्रशासन भारत को रूसी ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने से रोकने का प्रयास कर रहा है.


रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने की अपील


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार रात राष्ट्र के नाम जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि लोकतांत्रिक दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि ऊर्जा संसाधनों के लिए रूस को मिलने वाला धन वास्तव में लोकतंत्र के विनाश के लिए इस्तेमाल होने वाला धन है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक दुनिया जितनी जल्दी यह समझ लेगी कि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाना और उसके बैंकिंग क्षेत्र को पूरी तरह से अवरुद्ध करना शांति के लिए आवश्यक कदम है, युद्ध उतनी ही जल्दी समाप्त हो जाएगा.


यूक्रेन में तबाह हो चुके हैं कई शहर


रूसी सैनिक लगातार यूक्रेन के शहरों पर हमले कर रहे हैं. यूक्रेन के कई शहर अभी भी रूसी सैनिकों के कब्जे में है. 24 फरवरी से जारी युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. बम और मिसाइलें से हमले में कई स्कूल, अस्पताल और बड़ी-बड़ी इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं. जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र की ओर से दावा किया गया है कि रूसी हमलों में यूक्रेन के 2982 नागरिकों की जान गई है. वहीं 2651 लोग जख्मी हुए हैं.


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