वाशिंगटन: यूक्रेन पर रूस के हमले से नाखुश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को दिए गए ‘सर्वाधिक तरजीही देश’ (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने की शुक्रवार को घोषणा करने के साथ ही रूस से समुद्री खाद्य उत्पादों (सीफूड), शराब एवं हीरों के आयात पर भी रोक लगा दी.


अमेरिकी सरकार ने रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लेने का निर्णय यूरोपीय संघ और जी-7 समूह के देशों के साथ मिलकर लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम से बाइडेन ने अपने बयान में कहा, ‘‘स्वतंत्र दुनिया पुतिन का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़ी हो रही है.’’


क्या होगा तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से?
सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस से किये जाने वाले आयात पर भारी शुल्क लगा सकेंगे. इस निर्णय से अमेरिका और सहयोगी देश रूस की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करना चाहते हैं. इसके अलावा अमेरिका ने रूस के केंद्रीय बैंक की संपत्ति को जब्त, निर्यात को सिमित करने समेत रूस के कुलीन वर्गों और उनके परिवारों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का भी निर्णय किया है.


बाइडेन प्रशासन पर सख्त व्यापारिक कदम उठान के दबाव
बाइडन प्रशासन पर रूस के खिलाफ सख्त व्यापारिक कदम उठाने के लिए चौतरफा राजनीतिक दबाव बना हुआ था. अमेरिका द्वारा पिछले एक महीने के दौरान लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों से रुस की मुद्रा रूबल डॉलर के मुकाबले 76 प्रतिशत गिर गई है.


यूक्रेन पर रूस का सैन्य हमला दो हफ्ते बाद भी जारी रहने से भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी हुई है. अमेरिका की अगुआई में तमाम पश्चिमी देश रूस के खिलाफ सख्त कदमों की घोषणा कर रहे हैं. पिछले हफ्ते सबसे पहले कनाडा ने रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लिया था.


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