International Criminal Court on Putin: रूस ने शुक्रवार (17 मार्च) को एक बार फिर पूरी दुनिया को आंख दिखाते हुए कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय का फैसला कानूनी रूप से "शून्य" है, क्योंकि मॉस्को हेग स्थित अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. रूस के शीर्ष अधिकारी इस वारंट को लेकर काफी नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं पुतिन के विरोधी इस कदम की सराहना कर रहे हैं.


रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मीडिया से कहा, "रूस, कई अन्य देशों की तरह, इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है. रूस आईसीसी का सदस्य भी नहीं है, इसलिए कानूनी दृष्टिकोण से, इस अदालत के फैसले शून्य हैं."


विदेश मंत्रालय ने भी फैसले को किया खारिज


रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि आईसीसी के फ़ैसलों का रूस के लिए कोई मतलब नहीं है. उन्होंने टेलीग्राम पर कहा, "रूस अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का पक्षकार नहीं है और रूस का इसके प्रति कोई दायित्व भी नहीं है."


पूर्व राष्ट्रपति ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया


पुतिन का नाम लिए बिना जखारोवा ने कहा, "जहां तक हमारा संबंध है रूस इस निकाय के साथ सहयोग नहीं करता है और अंतरराष्ट्रीय अदालत से गिरफ्तारी की बात कानूनी रूप से अमान्य होती है." रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने भी ट्विटर पर वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की.


इन आरोपों की वजह से कोर्ट ने जारी किया वारंट


बता दें कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने शुक्रवार को यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. कोर्ट का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ में लोगों (खासकर बच्चों) के अवैध ट्रांसफर के युद्ध अपराध के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं. अदालत ने इसी तरह के आरोपों पर बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की राष्ट्रपति आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ वारंट भी जारी किया था.


रूस ने दी सैन्य जवाब की धमकी


इन्वेस्टिगेटिव कमिटी की प्रमुख मार्गरिटा सिमोनियन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि रूसी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के किसी भी प्रयास का सैन्य रूप से जवाब दिया जा सकता है. सिमोनियन ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं उस देश को देखना चाहता हूं जो हेग के फैसले से पुतिन को गिरफ्तार करने की कोशिश करता है. उस देश के लिए उड़ान का समय बहुत लंबा होगा."


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