रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेनी नागरिक अब पोलैंड की ओर भाग रहे हैं. दर्जनों लोग गुरुवार को पोलैंड के मेड्यका कॉसिंग पर पहुंचे, जिनके पास सामान और बच्चे थे.


रोमानिया और स्लोवाकिया सहित यूक्रेन की सीमा से लगे यूरोपीय संघ के देशों के अधिकारियों ने कहा कि अभी शरणार्थियों की कोई बड़ी आमद नहीं है, लेकिन स्थानीय मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पैदल यातायात बढ़ रहा है.


पोलैंड बॉर्डर की ओर भाग रहे एक यूक्रेनी ने रॉयटर्स को बताया, 'सुबह 5 बजे मेरे साथी ने मुझे फोन किया और कहा कि जंग शुरू हो गई है. मैं कल ल्वीव आया था और उसके बाद आज यहां हूं.' उन्होंने आगे कहा, 'यह टोटल वॉर है. मुझे सायरन सुनाई देने लगे थे.' 


यूक्रेनी नागरिक अलेक्जेंडर बाज़ानोव भी अपनी पत्नी और छोटे बच्चे के साथ पूर्वी यूक्रेन में अपने घर से भाग आए. जो वह अपने साथ जो ले जा सकते थे, वही लेकर जा रहे हैं और पोलैंड में अपनी यात्रा के अंतिम दौर में हैं. 34 साल के बाज़ानोव एक टेक्निकल मैनेजर हैं और जब उन्हें पता चला कि जंग शुरू हो गई है तो वह वहां से भाग निकले. 


उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता लेकिन मैं बहुत डरा हुआ हूं. मैं अपने पिता के पास स्पेन जाऊंगा लेकिन मेरे पास पैसे नहीं हैं और मुझे नहीं पता कि मैं ये कैसे करूंगा.'


गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूस की सेनाओं ने यूक्रेन पर जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते हमला कर दिया. उन्होंने इसे पूर्व में खास मिलिट्री ऑपरेशन बताया है. युद्ध में अब तक कई लोगों के मारे जाने और घायल होने की खबरें हैं.


44 साल की मारिया पालिसो भी अपने परिवार के साथ यूक्रेन छोड़कर अपने भाई के पास जा रही हैं. उन्होंने कहा, सबको लगा था कि पश्चिमी यूक्रेन सुरक्षित है क्योंकि यह ईयू और नाटो देशों के करीब है. लेकिन ऐसा लगता है कि यह ठीक सुरक्षा नहीं है. यूक्रेन के साथ सीमा साझा करने वाले मध्य यूरोपीय राष्ट्र यूरोपीय संघ के देशों ने भी शरणार्थियों को शरण देने के लिए कमर कस ली है. 


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