Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार जारी है. इस बीच यूक्रेन (Ukraine) के इलाकों पर रूस (Russia) के अवैध कब्जे को लेकर यूरोपीय संघ (European Union) ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. यूरोपीय संघ के नेताओं ने यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन इलाकों के रूस के अवैध कब्जे की निंदा की है. यही नहीं यूरोपीय संघ के नेताओं ने यह भी वादा किया कि वे इन इलाकों को कभी भी मान्यता नहीं देंगे. यूरोपीय परिषद (European Council) ने एक बयान जारी कर कहा कि, यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के नेताओं की एक संस्था ने क्रेमलिन (Kremlin) पर वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया.  


रूस पर मौलिक अधिकारों के हनन का आरोप


बयान में कहा गया है कि वे यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिज्जिया और खेरसॉन इलाकों में रूस के अवैध रूप से कब्जा करने की निंदा करते हैं. रूस पर वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि उसने नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को जानबूझकर कम करके और यूक्रेन के मौलिक अधिकारों, स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया है. बयान के अनुसार, सदस्य देशों ने कहा कि वे कभी भी अवैध 'जनमत संग्रह' को मान्यता नहीं देंगे. बयान में कहा गया है कि रूस ने जिन चार शहरों पर कब्जा किया है वे यूक्रेन का हिस्सा हैं. हम सभी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस अवैध कब्जे को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करने का आह्वान करते हैं. 


पुतिन ने की बड़ी घोषणा


इससे पहले आज (30 सितंबर) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने औपचारिक रूप से चार इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया के विलय की घोषणा की और दावा किया कि यह लाखों लोगों की इच्छा है. पुतिन ने कहा कि इन चार इलाकों के नागरिक अब के हमेशा के लिए रूस के नागरिक होंगे. उन्होंने जनमत संग्रह के परिणाम को लाखों लोगों की इच्छा करार दिया.  


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