यूरोपियन यूनियन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है. ईयू ने यूरोप में पुतिन की संपत्ति जब्त करने का निर्णय लिया है. ईयू यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई के विरोध में है. पुतिन की संपत्ति कितनी है, ये एक रहस्य है. आधिकारिक तौर पर उनके पास शायद ही कोई संपत्ति हो. उनकी सालाना आय लगभग 10 मिलियन रूबल ($ 120,850) है, और उनके पास तीन कारें और एक अपार्टमेंट है. 


इससे पहले लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री जीन एस्सेलबॉर्न ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर यूरोपीय संघ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की संपत्ति पर रोक लगाने के लिए ‘‘समझौते के बहुत करीब’’ है. जीन एस्सेलबॉर्न रूसी प्रतिबंधों पर चर्चा के लिए 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले बोल रहे थे. एस्सेलबॉर्न ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम एक समझौते के बहुत करीब हैं, हम यहां एक समझौता कर लेंगे.’’


दुनिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन में एक सैन्य हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है, इसलिए अधिकतर देशों ने शुक्रवार को मॉस्को पर वित्तीय से लेकर अन्य तरह के प्रतिबंध लगाये. यह सब इसलिए किया गया ताकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन पर आक्रमण रोकने के लिए बाध्य किया जा सके.


दंडात्मक प्रतिबंधों का रूस पर कोई असर नहीं हुआ और उसने ‘जैसे को तैसा’ उपायों की शुरुआत कर दी. रूस ने ब्रिटेन की रूस में उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे पहले ब्रिटेन ने रूसी एयरलाइन कंपनी एअरोफ़्लोत की उड़ानों पर ब्रिटेन में रोक लगायी थी. फिर भी रूस की नजर पूरी तरह से यूक्रेन पर हमलों के विस्तार पर लक्षित हैं, कार्रवाई अभी भी लगभग एक तरफा चल रही है.


यूरोपीय संघ के नेताओं ने शुक्रवार तड़के तक पुतिन पर पहले से ही स्वीकृत प्रतिबंधों के अलावा पुतिन पर दबाव बनाने के तरीके पर चर्चा की. नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने शुक्रवार तड़के कहा, ‘‘हम शासन को सभी स्तरों पर निशाना बना रहे हैं.’’


27 देशों वाले समूह और अमेरिका और ब्रिटेन जैसी अन्य पश्चिमी शक्तियों ने बैंकिंग क्षेत्र से लेकर तेल रिफाइनरियों और रक्षा क्षेत्र तक सब कुछ पर प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्यक्त की है. यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री दिन में बाद में अनुमोदन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे.


ऐसे में जब रूस यूक्रेन और उसकी राजधानी कीव को घेरने का प्रयास कर रहा है, विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले द्रायां के शब्दों में पश्चिमी शक्तियां ‘‘रूस की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाने’’ के उद्देश्य से उपायों को लागू कर रही हैं. 


रूस ने गुरुवार को किया जंग का एलान


बता दें कि रूस ने गुरुवार में यूक्रेन में हमला करके युद्ध का एलान कर दिया. जंग का आज दूसरा दिन है. रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव में दाखिल हो चुकी है. बुरी तरह घिरने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पुतिन को बातचीत का प्रस्ताव दिया, जिसे रूसी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया. 


इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि एक बार यूक्रेन की सेना सरेंडर कर दे तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रूस  यूक्रेन को 'अत्याचार से मुक्त' करना चाहता है ताकि यूक्रेन के लोग अपना भविष्य निर्धारित कर सकें.


रूस की राजधानी मॉस्को में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि रूस ऐसी परस्थितियों में मौन नहीं रह सकता. हम यूक्रेन की सरकार को लोकतांत्रिक सरकार मानने का अभी कोई अवसर नहीं देखते.


'रूस के 1000 से ज्यादा सैनिक मारे गए'


उधर, यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूस के 1000 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया है. न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अब तक 1000 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे गए हैं. न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक रशियन सेना ने दावा किया है कि उन्होंने मुख्य एयरपोर्ट पर कब्ज़ा कर लिया है, जिसके बाद कीव को पश्चिम से काट दिया गया है.


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