भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से बात की है. एस जयशंकर ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि यूक्रेन के विदेश मंत्री ने उन्हें कॉल किया. एस जयशंकर ने कुलेबा से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों पर बात की.


एस जयशंकर ने कहा, 'मैंने वर्तमान स्थिति का अपना आकलन साझा किया. मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है. छात्रों सहित भारतीयों के हालात पर चर्चा की. उनकी सुरक्षित वापसी के लिए उनके समर्थन की सराहना करते हैं.'






वहीं, यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों से कहा गया है कि निकासी अभियान के लिए आवाजाही करते समय अपने वाहन पर भारतीय झंडा लगाएं और इंडिया लिखें ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके. खासतौर पर कॉन्फ्लिक्ट ज़ोन के इलाके में. बता दें कि यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय फंसे हैं. उन्होंने भारत वापस लाने की कोशिश जारी है. सरकार इसके लिए एक ऑपरेशन चलाएगी. केंद्र सरकार उन्हें वापस लाने के लिए विमान भेजेगी. सरकार ही सभी भारतीयों को वापस लाने वाली उड़ानों का खर्च उठाएगी.


छात्रों की वापसी का प्लान तैयार


इससे पहले विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन से छात्रों की वापसी का प्लान तैयार है. अगर यूक्रेन से पोलैंड सड़क मार्ग से जाना हो तो 9 घंटे का रास्ता है और विएना के लिए 12 घंटे का रास्ता है, वो रास्ता भी मैप आउट हो गया है. रास्ते में जो पॉइंट्स मैंने बताए जैसे ल्विव, चेर्नित्सि, वहां भी हमने अपनी टीम्स भेजी हैं ताकि वहां से भी जो सहायता हम अपने नागरिकों को दे सकते हैं, वो दे सकें.


भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सटे 4 देशों से बाहर निकाला जाएगा. ये देश हैं-हंगरी, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और पोलैंड. भारतीय दूतावास ने इन देशों की सीमा पर कैंप लगा दिए हैं. इन कैंपों में जिन अधिकारियों से भारतीय छात्रों को संपर्क करना है, उनके नाम और नंबर भी जारी कर दिए हैं.


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