Russian President Vladimir Putin Apologize: रूस और यूक्रेन के बीच बीते 22 महीनों से जंग छिड़ी हुई है. इसका असर न सिर्फ छोटे से देश यूक्रेन पर पड़ा है, बल्कि रूस जैसा शक्तिशाली देश भी युद्ध के प्रकोप से अछूता नहीं रहा है. इसी बीच हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने देश में घिरे संकट के लिए जनता से माफी मांगी है. रूसी टेलीविजन पर आयोजित एक क्वेश्चन सेशन के दौरान उन्होंने देश में बढ़ती मंहगाई और अंडे की बढ़ती कीमतों के लिए खुद की ही सरकार को जिम्मेदार माना और देश की जनता से माफी भी मांगी.


रूस में साल की शुरुआत के बाद से अंडे की कीमतों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने अंडे की बढ़ती कीमतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने इसे सरकार के प्रयासों की विफलता मानते हुए कहा, "मैं इसके लिए माफी मांगता हूं, लेकिन ये सरकार के काम की विफलता है."


रूस में एक दर्जन अंडे की कीमत
रूस में बढ़ती कीमतों का कारण आंशिक रूप से रूस में आवश्यक वस्तुओं की कमी है, जो रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध  शुरू करने के बाद पश्चिमी व्यापार प्रतिबंधों के कारण और बढ़ गई है. एक रूसी स्टैटिक्स रोसस्टैट की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 में एक दर्जन अंडे की कीमत 13 फीसदी बढ़ी और नवंबर 20232 में 15 फीसदी. इसकी वजह से रूस में फिलहाल एक दर्जन अंडों की कीमत औसतन लगभग 130 रूबल (लगभग $1.8) है.


वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने कार्यक्रम में बढ़ती कीमतों पर बात करते हुए कहा कि खाने की सामानों की अधिक मांग के बावजूद देश में उत्पादन नहीं बढ़ा है. वादा करता हूं कि निकट भविष्य में स्थिति ठीक हो जाएगी.


रूस उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करने के कोशिश में 2024 की पहली छमाही में 1.2 बिलियन अंडों पर इम्पोर्ट रेट में कटौती की योजना बना रहा है. रोसस्टैट के आंकड़ों के अनुसार रूस में कुल मिलाकर मुद्रास्फीति बढ़ रही है. बीते महीने नवंबर में कीमतें साल-दर-साल 7.4% बढ़ रही हैं.


पुतिन ने कार्यक्रम में दी चेतावनी
पुतिन ने कार्यक्रम में चेतावनी देते हुए कहा कि इस साल (2024) में मुद्रास्फीति बढ़कर 8 फीसदी तक पहुंच सकती है. यह सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया के मुद्रास्फीति लक्ष्य से दोगुना है, जिसका लक्ष्य कीमतों में सालाना 4 फीसदी की वृद्धि करना है.


रूस में कीमतों में भारी वृद्धि देश की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का एक संकेत है, जो बढ़ती सैन्य लागत और देश पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच संघर्ष कर रही है. अर्थशास्त्री रूस के लिए भविष्य में संकट की आशंका जता रहे हैं. हालांकि पुतिन ने दावा किया है कि देश एक नए विकास चरण की ओर बढ़ रहा है.


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