Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को 6 महीने पूरे हो चुके हैं. इसी सप्ताह के 6 महीने पहले व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने विशेष सैन्य अभियान के तहत यूक्रेन (Ukraine) में हजारों सैनिकों भेजने का आदेश दिया था. द्वितीय विश्व (Second World War) युद्ध के बाद यूरोप (Europe) में इसे बड़े पैमाने पर किए गए आक्रमण के तौर पर देखा गया. यूद्ध की शुरूआत से अब तक रूस की लगातार बमबारी में दसियों हजार लोग मारे जा चुके हैं, लाखों लोग भाग गए शहर के शहर मलबों में तब्दील हो गए.


रूस बार-बार इनकार करता रहा कि वो यूक्रेन पर हमला करेगा लेकिन उसने आखिर में यूक्रेन पर हमला कर ही दिया और कहा कि उसने इलाके पर कब्जा करने के लिए नहीं बल्कि कीव को निशस्त्रीकरण, राष्वादियों से शुद्ध करने और नाटो के विस्तार को रोकने के लिए ऐसा किया. तो वहीं यूक्रेन का कहना था कि 24 फरवरी को हमला करने के तीन दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संबोधन के बाद ये साफ हो गया था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वो यूक्रेन पर जीत हासिल करना चाहते थे और यूक्रेन की एक हजार साल पुरानी सभ्यता को मिटा देना चाहते थे.


एकता का संदेश देने के कुछ घंटों बाद ही हमला


पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन हमारा पड़ोसी देश है और ये हमारे अपने इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिक स्थान का अविभाज्य हिस्सा है. प्रचीन काल से ही ऐतिहासिक रूप से रूस के दक्षिण-पश्चिम में रहने वाले लोगों ने खुद को रूसी और रुढ़िवादी ईसाई माना है. हमले के कुछ घंटों के भीतर ही रूस ने कीव के ठीक उत्तर में एक कार्गो बेस एंटोनोट हवाई क्षेत्र में कमांडो को उतार दिया. इसके एक दिन के भीतर ही यूक्रेन ने रूस के पैराट्रूप्स और लैंडिंग स्ट्रिप का सफाया कर दिया. जबकि रूस हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखने में असफल होने के बाद कीव के उत्तरी बाहरी इलाके में पहुंचेगा.


जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा मैं कहीं नहीं जा रहा


जैसे कि रूस की बमबारी में कीव को तबाह कर दिया और यहां के लोग स्टेशन पर जाकर छिपने लगे. यहां तक कि लोग डर की वजह से वहां से भागने भी लगे तब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कहा कि वो कहीं नहीं जा रहे. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के निवासियों को सुप्रभात! मैं यहीं हूं.


यूक्रेन लगाया प्रतिबंध


जैसे-जैसे रूस ने यूक्रेन के शहरों में घुसना शुरू किया लोग अपने घरों को छोड़कर भागने लगे. उसके संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ये सबसे तेजी बड़ता हुआ शरणार्थी संकट है. पूरे यूरोप में 6.6 मिलियन से अधिक शरणार्थियों को दर्ज किया गया जिसमें ज्यादातर लोग पड़ोसी देश के ही थे. इसके बाद यूक्रेन ने लड़ाई लड़ने वाली उम्र के लोगों के जान पर प्रतिबंध लगा दिया.


मारियुपोल में दिखी नरक की झलक


समय आगे बढ़ा लेकिन रूस की सेना यूक्रेन में ही डटी रही और अगला नंबर यूक्रेन के मारियुपोल का आया. एक समृद्ध दक्षिणी बंरगाह को रूस की सेना ने रेड क्रॉस को नरक बना दिया. यूक्रेन ने कहा कि भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति में कटौती के साथ दसियों हजार नागरिकों की मौत हो गई और लगातार बमबारी हो रही है. तो वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मरने वालों की संख्या का पता ही नहीं है. 9 मार्च को रूस ने मारियुपोल के प्रसूति अस्पताल पर बम से हमला कर दिया जिसमें एक बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई. यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन ने इसे युद्ध अपराध करार दिया.


सड़कों पर बिछी लाशें


मार्च के अंत तक कीव (Kyiv) पर रूस (Russia) का हमला असफल हो गया. जब यूक्रेन (Ukraine) ने टैंक रोधी मिसाइलों और ड्रोन (Drone) के साथ हमला कर दिया जिसमें रूस को भारी नुकसान हुआ. रूस ने सद्भावना संकेत के रूप में उत्तरी यूक्रेन (North Ukraine) से अपनी वापसी के संकेत दिए. जैसे ही इस संदेश के साथ रूस पीछे हटना शुरू करता है तो वहां की सड़कों पर शवों का अंबार मिलता है. बुका (Bucha) में पीड़ित पाए गए जिनमें कुछ के हाथ बंधे हुए थे. रूस ने इस आरोप से भी इनकार कर दिया और बिना सबूत हत्या का आरोप लगाने की बात कही.


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