रूस ने कोविड-19 के खिलाफ सिंगल डोज वाले स्पुतनिक लाइट वर्जन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. यह वैक्सीन सभी तरह के नए कोरोना स्ट्रेन में असरदार है. रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी. इस कदम से उन देशों को मदद मिलेगी जहां पर कोरोना संक्रमण के काफी अधिक मामले आ रहे हैं. 


स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की डोज जिन लोगों को दी गई उनमें 91.7 फीसदी लोगों को वैक्सीन लगने के 28 दिन बाद वायरस न्यूट्रिलाइज एंटी-बॉडिज बन गई थी. जबकि, 96.9 फीसदी लोगों में एंटीजन स्पैसिफिक IgG एंटी-बॉडिज डेवलप हो चुका था.


स्पुतनिक के इस लाइट वर्जन कोरोना वैक्सीन को मॉस्को के गमलेया इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है. आरडीआईएफ ने बताया कि यह 79.4 फीसदी प्रभावी है और एक डोज की कीम 10 डॉलर से कम है.  






कई देश कोविड-19 वैक्सीन की कम आपूर्ति को विस्तार देने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं. उसमें डबल-डोज की देरी और डोज के आकार को कम करना शामिल है. पिछले साल अगस्त में रजिस्ट्रेशन से रूस दुनिया में पहला मुल्क वैक्सीन की मान्यता देनेवाला बन गया था. हालांकि, परीक्षण पूरा होने से पहले मंजूरी मिलने पर विशेषज्ञों ने वैक्सीन को लेकर चिंता भी जताई थी. दिसंबर की शुरुआत में रूस ने वैक्सीन के अंतिम चरण के मानव परीक्षण में होते हुए भी पूरे मुल्क में बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू कर दिया था. आलोचकों ने रूस के इस कदम को भू-राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने के तौर पर देखा.